Ajmer News Today: राजस्थान की जिस हाई सिक्योरिटी जेल में देशभर के कुख्यात बदमाश कैद हैं, उस जेल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. प्रतिबंद के बावजूद अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में सुरक्षा प्रहरियों की नजरें बचाकर बंदियों के पास मोबाइल फोन पहुंच रहे हैं. यह जेल राजस्थान की सबसे सुरक्षित जेल की सूची में शुमार है. इसके बावजूद इस कारागार में बंदियों के पास मोबाइल फोन पहुंचना सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहा है. अंदाजा लगा सकते हैं कि इस जेल में नियम कायदों को ताक पर रखकर अपराधियों का बोलबाला है. शायद यही कारण है कि बीते 3 महीने के भीतर इस जेल में बंदियों के पास 60 से अधिक मोबाइल फोन मिले हैं.
बंदियों की तलाशी में मिला मोबाइल
अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से एक बार फिर मोबाइल बरामद हुआ है. जेल के ब्लॉक एक की बैरक संख्या एक में तलाशी के दौरान टूटा हुआ मोबाइल फोन बंद हालत में मिला. उसमें सिम कार्ड, चार्जर, और ईयरफोन भी साथ थे. इस बैरक में विचाराधीन कैदी दिलीप और दरबार सिंह बंद हैं. जेल प्रशासन ने प्रहरी विजय सिंह की रिपोर्ट पर दोनों बंदियों के खिलाफ राजस्थान कारागार अधिनियम के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है.
Surya Grahan 2022: आज लगेगा इस साल का पहला सूर्य ग्रहण, राशि अनुसार इन उपायों को कर ग्रहण जनित दोष करें शांत
जेल से हो रही अपराधों की प्लानिंग
अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल और केंद्रीय कारागृह से बीते 3 महीने में 60 से अधिक मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि जेल में बंद कुख्यात अपराधी मोबाइल फोन के जरिए जेल में बैठकर ही अपराधों की प्लानिंग कर रहे हैं. जिला प्रशासन ने इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए अजमेर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शर्मा के निर्देशन में एक एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी का नेतृत्व सिविल लाइंस थाना प्रभारी अरविंद चारण कर रहे हैं, क्योंकि यह दोनों ही जेल उनके थाना क्षेत्र में आते हैं. एसआईटी गठन होने के बाद भी जेलों में मोबाइल मिलने की घटनाओं से पुलिस कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं.
बड़ा सवाल- मोबाइल अंदर कैसे पहुंचे?
बीते समय में कई बार जेल में बंदियों के पास मोबाइल फोन मिलने के मामले सामने आए हैं. पुलिस ने मामले दर्ज कर प्रोडक्शन वारंट के तहत अपराधियों को गिरफ्तार भी किया, मगर आज तक यह नहीं पता लगा सकी कि हाई सिक्योरिटी के बावजूद जेल में बंदियों के पास मोबाइल फोन पहुंचे कैसे? जानकारों का मानना है कि किसी भी जेल में सुरक्षा प्रहरियों और जेल कर्मचारियों की मदद के बिना कोई भी सामग्री अंदर नहीं पहुंच सकती है.