Rajasthan Women Doctors News: राजस्थान में एक तरफ जहां सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में जुटी है, वहीं कुछ महिला डॉक्टर्स भी शक्ति के रूप में काम करके अपना मुकाम बना रही हैं. आज आपको बता रहे हैं राजस्थान के स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली 7 महिलाओं की, जो अलग-अलग बीमारियों और तकलीफों को दूर कर रही हैं. कोई आंख-नाक और कान तो कोई कैंसर से राहत देने में लगी हैं. सभी महिलाएं स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर काम करके पीड़ितों को राहत दे रही हैं.


अस्पताल के जरिये सेवा का संकल्प


नेहा गुप्ता राजस्थान कि स्वास्थ्य सेवाओं में अपना योगदान दे रही हैं. पिछले 15 सालों से नेहा ने मेडिकल के क्षेत्र में काम किया है और अब मंगलम प्लस मेडिसिटी की स्थापना कर के लोगों को बेहतर मेडिकल सेवा दे रही हैं. वो अब तक 300 से अधिक बेड की व्यवस्था भी कर चुकी हैं. इंटरैक्टिव चर्चाओं से लेकर चेक-अप के लिए शिविरों तक चिकित्सा सम्बंधित जानकारी और उसके संपूर्ण समाधान पर काम कर रही हैं. इन्होंने अपना महत्वपूर्ण योगदान देखकर नाम बनाया है. 


मानसिक रोगियों के लिए बनी वरदान 


डॉ शीनू झवर मानसिक रोगियों के लिए बेहतर सेवा दे रही हैं. बड़े स्तर पर मानसिक रोगियों के इलाज के लिए उन्होंने अपैक्स की स्थापना है. इतना ही नहीं उन्होंने एसीई विजन हेल्थ कंसल्टेंट्स की सह-स्थापना भी की हैं. उन्होंने हार्वर्ड, ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी, एडिनबर्ग युनिवर्सिटी और आईआईएम अहमदाबाद जैसे प्रसिद्ध संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त किया है. इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगी कारकों पर पीएचडी भी की हैं. वह इंटरनेशनल मार्स सोसाइटी फॉर परिनेटल मेंटल हेल्थ की सदस्य हैं. वह टाय राजस्थान की अगली प्रेसिडेंट भी होने वाली हैं.


श्वेता मंगल ने कई वर्षों में अपना नाम बनाया है. उन्होंने हेल्थकेयर ऑपरेटिंग एम्बुलेंस, फर्टिलिटी क्लीनिक और स्टार्टअप इन्क्यूबेटर्स के क्षेत्र में काम किया. लोगों की अधिक सेवा करने के लिए उन्होंने जिकिट्जा हेल्थकेयर की स्थापना भी की. मौजूदा समय में वो एम्बुलेंस के क्षेत्र में बड़ा नाम बना चुकी हैं. जेडएचएल आज 28 राज्यों में 3500 से अधिक एम्बुलेंस की सेवा दे रही है. 


आंख और नाक में मॉडर्न तकनीक


डॉ सोनाक्षी ने रसायन विज्ञान में पीएचडी की है. इसके साथ ही अस्पताल के पूरे प्रबंधन में कार्य कर रही हैं. आंख, नाक और कान के बेहतर इलाज के लिए उन्होंने ईएनटी अस्पताल की स्थापना की है. उन्होंने ओपीडी में कान, नाक और गले के एकल विशेषज्ञ रोगियों के लिए बेहतर सेवा की व्यवस्था की है. सिर में ट्यूमर, गर्दन के कैंसर की सर्जरी में नई टेक्नोलॉजी पर काम जारी है. 


राजस्थान में इनफर्टिलिटी हिस्टेरोस्कोपिक और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्षेत्र में डॉ रूचि भंडारी ने बड़ी मेहनत से अपना नाम बनाया है. वो वर्षों से इस क्षेत्र में काम रह रही हैं. उन्होंने बड़े स्तर पर सेवा देने के लिए मिश्का आईवीएफ की स्थापना भी की है. यहां लाइफस्टाइल संबंधी विकार, हार्मोनल असंतुलन और किशोर स्वास्थ्य के मुद्दों के इलाज में बेहतर परिणाम है. लाइफस्टाइल और आहार में बदलाव के साथ बुनियादी इनफर्टिलिटी के इलाज में उनकी विशेषज्ञता है. 


आधुनिक देखभाल में बनाया नाम 


राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में मंजू शर्मा ने अपना बड़ा मुकाम बनाया है. अपनी अत्याधुनिक तकनीकि और देखभाल के लिए मंजू शर्मा जानी जाती हैं. मंजू शर्मा अपने साहस, प्रतिबद्धता के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. मंजू शर्मा ने अत्याधुनिक चिकित्सा सेवा, बुनियादी ढांचे, अत्याधुनिक तकनीक और एक उच्च एकीकृत और व्यापक सूचना प्रणाली को विकसित किया है. उन्होंने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में नए उपचारों की खोज और विकसित करने के लिए संस्थान और डॉक्टर्स और पेशेवरों की सक्षम टीम को लगातार जोड़े हुए हैं. 


अनिला कोठारी ने वर्षों से मेहनत के दम पर अपना नाम बनाया है. कैंसर केयर संस्था के माध्यम में अनिला कोठारी कैंसर रोग के बचाव और बेहतर उपचार के लिए काम कर रही हैं. वो कैंसर जागरूकता, कैंसर जांच और निदान कार्यक्रम के आयोजन के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर रोगियों को निःशुल्क कैंसर चिकित्सा उपलब्ध करवाती हैं. बाल कैंसर रोगियों के दुख को कम करने और उनके चहरे पर मुस्कान लाने के लिए वह अब तक करीब हजारों से ज्यादा बाल कैंसर रोगियों की इच्छाएं भी पूरा कर चुकी हैं.


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