Rajasthan News: राजस्थान में शब-ए-बारात 7 मार्च को है. इसे लेकर जयपुर में खास तैयारी की जाती है. इसमें अकीदतमंद पूरी रात मस्जिदों और दरगाहों में इबादत करते हैं. इस दौरान शरीफ में रोशनी की जाती है. जयपुर में कई दरगाह या कब्रिस्तान हैं जहां बहुत भीड़ होती है. वहां पर खास व्यवस्था की जाती है. शाम को 6:30 बजे मगरिब की नमाज के बाद लोग कब्रिस्तान जाते हैं. मगरिब की नवाज का मतलब है कि सूर्य ढल गया है. इसके बाद लोग कब्रिस्तान जाकर अपने गुजरे हुए बुजुर्गों के लिए दुआएं मांगते हैं. इसके अगले दिन रोजा रखा जाता है. मो. सादिक खान बताते हैं कि इसके साथ ही यह मान लिया जाता है. अगले दो हफ्ते बाद रमजान का महीना शुरू होने वाला है.
यहां होती है सबसे ज्यादा भीड़
जयपुर के सुभाष चौक के पास चार दरवाजा स्थित मौलाना साहब की दरगाह पर सबसे ज्यादा भीड़ होती है. यहां पर हजारों की संख्या में लोगों के द्वारा नमाज पढ़ी जाती है. घाटगेट, झोटवाटा, नहरी का नाका और आदमशाह की दरगाह पर सबसे बड़ी भीड़ होती है. हर बार की तरह इस बार भी यहीं ज्यादा भीड़ होगी, इसके लिए पूरी तैयारी की गई है. इस रात में पूरे साल के गुनाहों का हिसाबकिताब किया जाता है और लोगों की किस्मत का फैसला भी होता है. रातभर जागकर सिर्फ अपने गुनाहों से तौबा करते हैं. साथ ही अपने उन बुजुर्गों की मगफिरत के लिए कब्रिस्तान जाकर दुआ मांगते हैं, जो गुजर चुके हैं.
राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
शब-ए-बारात के दिन हम्द, नात, मनकबत, सवाब के लिए मिठास को पसंद किया जाता है. मुस्लिम इलाकों में सैकड़ों तरह के हलवे बनाए जाते हैं और अपने रिश्तेदार और गरीब लोगों को दावत की जाती है. महिलाएं भी अपने-अपने घरों में इबादत करेंगी. इसके लिए पूरी तैयारी चल रही है. राज्यपाल कलराज मिश्र ने शब-ए-बारात (7 मार्च) के लिए लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने इस मौके पर देश और प्रदेश में अमन-चैन और खुशहाली के लिए कामना की है.
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