Rajasthan Assembly News: राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने फैसला सुनाया कि वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल दो दिन तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, हालांकि वह सदन में आ सकेंगे.


इससे पहले धारीवाल ने कुछ दिन पहले सदन में 'अपशब्द' बोलने के लिए मंगलवार को खेद प्रकट किया. उन्होंने शुक्रवार शाम सदन में कतिपय 'अपशब्द' का इस्तेमाल किया था और सभापति संदीप शर्मा के लिए 'धमकाने वाले' शब्दों का इस्तेमाल किया था.


अध्यक्ष देवनानी ने इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के कुछ सदस्यों को सुनने के बाद मंगलवार व्यवस्था दी. उन्होंने धारीवाल से कहा,'आप आज और कल विधानसभा में आएंगे, लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे.’’


देवनानी ने कहा कि वह धारीवाल द्वारा माफी मांगने एवं अन्य विधायकों की भावना का आदर करते हुए यह व्यवस्था दे रहे हैं. उन्होंने कहा,‘‘बाकी मेरी तो इच्छा थी कि ऐसे आचरण के बाद उनको अगले चार साल तक भी सदन का सदस्य बने रहने का कोई हक नहीं है.’’


उन्होंने कहा,‘‘मेरी यह अंतिम चेतावनी है कि भविष्य में मुझे इस प्रकार के आचरण के लिए कठोरतम कार्यवाही करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा . मैं अध्यक्ष रहते हुए ऐसे असंसदीय आचरण को बर्दाश्त नहीं करूंगा.''


इससे पहले नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने धारीवाल की असंसदीय भाषा के लिए सदन में माफी मांगी. डोटासरा ने कहा कि इस्तेमाल किए गए शब्द असंसदीय थे और सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं थे लेकिन ऐसा जानबूझकर सदन को बाधित करने के लिए नहीं किया गया था. बाद में धारीवाल ने अपने बयान के लिए माफी मांगते हुए कहा, ‘‘मैं सिर झुकाकर खेद प्रकट करता हूं और सदन से माफी मांगता हूं.’’


उन्होंने कहा,'मैं 40 साल से जनता द्वारा चुना जाता रहा हूं. मैंने हमेशा इस आसन को सर्वोच्च माना है. आसन का अपमान करने का मेरा कोई इरादा नहीं है. मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं.' इसके बाद अध्यक्ष देवनानी ने अपना फैसला सुनाया.


देवनानी ने शुक्रवार रात को व्यवस्था दी कि वह धारीवाल द्वारा द्वारा कथित तौर पर 'अपशब्द' बोले जाने के मामले में सोमवार को निर्णय देंगे. उन्होंने कहा था,‘‘ ऐसी इस सदन की परंपरा नहीं रही है ... मैं इस पर परसों खुद पूरा वीडियो देखकर चर्चा कर, संसदीय मंत्री एवं बाकी से चर्चा कर अपना निर्णय दूंगा.'


आज इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्रीचंद कृपलानी ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि अनुदान मांगों पर बहस के दौरान धारीवाल ने 'अपशब्द' का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि इस तरह की असंसदीय भाषा से राजस्थान विधानसभा की गरिमा गिरी है. उन्होंने कांग्रेस विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.


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