Navratri 2022 Ghatasthapana Muhurat: राष्ट्रीय मेला दशहरा 2022 के उद्घाटन के साथ ही मेला आकार लेने लगा है. मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ झूले और खाने पीने के स्टॉल भी आकर्षण के केंद्र होते हैं. देश के विभिन्न हिस्सों से झूला संचालक भी कोटा पहुंच चुके हैं. झूलों के अलग-अलग हिस्सों में रंगाई-पुताई का काम चल रहा है. इसके साथ ही झूलों को फिटिंग करने का काम भी शुरू हो चुका है. झूला बाजार में मौत का कुआं, जॉइंट व्हील, ब्रेक डांस, कोलंबस, ड्रेगन, सलेम्बो, रेंजर, ट्विस्टर, ओक्टपस जैसे झूले आकार लेने लगे हैं. ड्रेगन ऐसा है जो लोगों को डराएगा तो ब्रेक डांस लोगों को काफी लुभाएगा.


कोलकाता और उज्जैन से भी आए झूले संचालक


कोलकाता से रानू भाई, कोटा के हरीश शर्मा, उज्जैन के खालिद भाई समेत विभिन्न झूला संचालकों ने कोटा के दशहरा मेले में झूला लगना शुरू कर दिया. झूला संचालक रानू भाई ने बताया कि वे 22 सितंबर को ही कोटा आ गए थे. अभी झूलों की पुताई और फिट करने का काम किया जा रहा है. उनके साथ 45 सदस्य आए हैं. रानू भाई अन्य लोगों के साथ मिलकर 6 झूलों का संचालन करेंगे. उन्होंने बताया कि झूला फिटिंग में करीब 10 दिन का समय लगता है.


कोविड के बाद जगी अच्छे व्यापार की उम्मीद


5 अक्टूबर तक कुछ झूले चलने लगेंगे. झूलों के लिए मजबूत फाउंडेशन सबसे प्राथमिक आवश्यकता होती है. रानू भाई बीते 15 वर्ष से कोटा मेले में झूला संचालन कर रहे हैं. कोविड के दो वर्ष बाद मेला आयोजित हो रहा है तो गुंजाइश भी अधिक है. ऐसे में कोविड की परेशानी से उबरने का प्रयास होगा. इस बार अच्छे व्यापार की भी उम्मीद है. इस बार मेले से व्यापारी, झूला, चाट पकौड़ी वाले सब कमाएंगे. दूसरी ओर जनता की भी मनोरंजन की भूख पूरी होगी.


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