Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्र को लेकर भरतपुर के मंदिरों में तैयारियां शुरू, पदयात्रा में शामिल होंगे हजारों श्रद्धालु
Bharatpur News: शारदीय नवरात्र को लेकर भरतपुर जिले में देवी मां के मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी.
Bharatpur Shardiya Navratri: देश विदेश में कल से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) के मौके पर घर -घर में घट स्थापना होगी. शक्ति की उपासना मां दुर्गा के शारदीय नवरात्र पर इस बार बेहद दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस बार नवरात्र की शुरुआत शुक्ल व ब्रह्म योग से होगी. इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन के होंगे. कल 26 सितंबर सोमवार से नवरात्रि शुरू होंगे और 3 अक्टूबर दुर्गा अष्टमी व 4 अक्टूबर को महानवमी का पर्व मनाया जाएगा. वहीं 5 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन माँ की प्रतिमा को विसर्जन कर शारदीय नवरात्रि पर्व का समापन किया जायेगा.
भरतपुर जिले में देवी माँ के मंदिरों में नवरात्रि को लेकर तैयारी शुरू हो गई हैं. शहर के प्रसिद्ध मनसा माता मंदिर, राजराजेश्वरी माता मंदिर और काली माता मंदिर पर रंग पुताई कर कल से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्रि को लेकर मंदिरों को सजाया गया है. शारदीय नवरात्रि को लेकर घर-घर में घट स्थापना को लेकर लोगों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. श्रद्धालु बाजार से माता की चुनरी, माता की तस्वीरें और मिट्टी से बनी माता दुर्गा की प्रतिमा लेकर घर में माता का मंदिर बना कर माता की उपासना करेंगे. नवरात्रि में युवक-युवतियां, महिला पुरुष नौ दिन तक व्रत रख माता की उपासना करते हैं. कोई नौ दिन तक सिर्फ पानी पीकर व्रत रखता है तो कोई सिर्फ एक बतासा खाकर ही व्रत पूरा करता है.
पंडित मनु मुदगल ने बताया की नवरात्रि का त्योहार माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है. नौ दिन तक माता की अलग-अलग स्वरूपों की भक्तगण श्रद्धा व भक्ति भाव से पूजा अर्चना करेंगे. इस बार माँ दुर्गा गज पर सवार होकर स्वर्गलोक से पृथ्वी लोक पर आएंगी और गज पर सवार होकर ही वापस जाएंगी.
पैदल यात्रा लेकर जाएंगे झीलकावाड़ा माता मंदिर
सैकड़ों वर्षों से कैलादेवी झीलका वाड़ा मंदिर भरतपुर के राजपरिवार की कुलदेवी के रूप में पूजी जाती है. शारदीय नवरात्रि की पूर्व संध्या पर भरतपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर कैला देवी झीलका वाड़ा माता मंदिर तक पदयात्रा निकाली जाती है. जिसमे हजारों की संख्या में महिला पुरुष बच्चे युवक युवतियां पैदल ही माता कैलादेवी झीलका वाड़ा जाते हैं और नवरात्रि की शुरुआत कैलादेवी झीलका वाड़ा मंदिर से करते हैं. कैलादेवी झीलका वाड़ा मंदिर में मंगला आरती में शामिल होकर सभी श्रद्धालु अपने घर में घट की स्थापना करते हैं.
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