हिन्दू धर्म में नवरात्रि का अलग ही महत्व माना जाता है. नौ दिन तक चलने वाली नवरात्रि पूजा से सुख समृद्धि एंव घर में शांति रहती है. बाजार में माता के श्रृंगार ,चुनरी ,फूल मालाओं व घट स्थापना के लिए मटकी और मिट्टी से बनी माँ की प्रतिमा खरीदते श्रद्धालुओं को देखा गया. नवरात्र पर्व माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है नौ दिन तक माता की अलग - अलग स्वरूपों की भक्तगण श्रद्धा व भक्ति भाव से पूजा अर्चना करेंगे. नौ दिन तक श्रद्धालु व्रत रखकर माता की उपासना करते है. घर - घर में घट स्थापना कर नौ दिन तक विधि विधान से पूजा अर्चना कर माँ को मनाते है.


शहर के देवी माँ के मंदिरों में नवरात्रि को लेकर विशेष तैयारी की गई है शहर के प्रसिद्ध मनसा माता मंदिर ,राजराजेश्वरी माता मंदिर और काली माता मंदिर पर नवरात्रों को लेकर तैयारी की जा रही है. पंडित मनु मुदगल ने बताया है की इस बार माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर स्वर्गलोक से पृथ्वी लोक पर आएगी.  शारदीय नवरात्रि में हर वर्ष की भांति आज भी पदयात्रा कैलादेवी झील का वाड़ा जाएगी. भरतपूर से हजारों की संख्या में महिला - पुरुष ,युवा , बच्चे यहां से पैदल चलकर माता रानी के दरबार में पहुँचते है और सुबह की मंगला आरती में शामिल होकर वापस आते है. 





नवरात्रि में श्रद्धालु विभिन्न तरीके से व्रत रखते है कोई नौ दिन तक मात्र एक लोंग रोज खाकर ही माता की उपासना करते है कई श्रद्धालु मात्र पानी पीकर ही नौ दिन तक माता की उपासना करते है. 23 तारीख को नवमी के साथ ही नवरात्रि का समापन होगा और 24 तारीख को विजय दशमी ( दशहरा ) मनाया जायेगा. 

 

भरतपुर में दो जगह रावण के पुतला का होगा दहन 

राजस्थान के भरतपुर जिले में दशहरे पर दो जगह रावण के पुतले का दहन किया जाता है. भरतपुर जिला प्रशासन द्वारा जसवंत प्रदर्शनी एवं पशु मेले में रावण के पुतले का दहन किया जाता है. इस बार भी दशहरे पर 55 फुट के रावण के पुतले का दहन किया जायेगा. दूसरा रावण के पुतले का दहन भरतपुर जिला रामलीला कमेटी के द्वारा किया जाता है. 24 तारीख को रावण के पुतले के दहन के साथ ही रामलीला का भी समापन किया जाता है.