Toy Train in Rajasthan: मेवाड़ और मारवाड़ के बीच का सफर काफी प्रसिद्ध है क्योंकि असल अरावली की खूबसूरती यहीं दिखाई देती है. बताया जाता है की यह सफर शिमला टॉय ट्रेन का अहसास दिलाता है. इसलिए यहाँ के ट्रेन का सफर करने भी कई लोग जाते हैं. अब इस सफर में भी चार चांद लगने वाले हैं. क्योंकि यहां अब हेरिटेज ट्रेन टूरिस्ट कोच चल गई है. इसका ट्रायल हो चुका है और संभवत जल्द ही इसकी शुरुआत होने वाली है.


बड़ी बात यह है कि यह पूरा ट्रेक ही हेरिटेज है. खास बात यह है कि यह दुनिया के चुनिंदा मीटर गेज ट्रेन में से एक है और प्रमुख भी माना जाता है. आइये जानते क्या है यह ट्रेक और कैसे चलेगी हेरिटेज ट्रेन. 


80 साल पुराना है यह ट्रेक
मेवाड़-मारवाड़ ट्रेक 80 साल पुराना है. घने जंगलों और ऊंची पहाड़ियों के बीच घुमावदार यह ट्रेक दुनिया के चुनिंदा ट्रेक में से एक है. इसका 80 प्रतिशत हिस्सा पहाड़ों के बीच से होकर गुजरता है. वर्ष 1936 से यहां ट्रेन चल रही है. ट्रेक की बात करे तो उदयपुर जिले के मावली जंक्शन से मारवाड़ जंक्शन तक कि दूरी 170 किलोमीटर है. वहीं राजसमन्द जिले के देवगढ़ से मारवाड़ तक 52 किलोमीटर है. अभी मावली से देवगढ़ तक मीटर गेज को ब्रॉडगेज बनाने के लिए  बजट पास हुआ है. वहीं हेरिटेज लुक को जिंदा रखने के लिए देवगढ़ से मारवाड़ तक मीटर गेज की रखने की बातचीत चल रही है. ताकि लोगों को हेरिटेज अनुभव दिया जा सके. इसमें गोरमघाट का घाट सेक्शन सबसे टेढ़ा-मेढ़ा और खूबसूरत लगता है. 


भाप के इंजन जैसा लुक दिया, एक एसी और एक सामान्य डिब्बा
हेरिटेज ट्रेन की शुरूआत से पहले इसका ट्रायल हुआ. हेरिटेज ट्रेन के आगे का लुक भाप के इंजन का दिया गया है, जो बरसों पहले इस ट्रेक पर चला करती थी. इसके डिब्बों पर राजस्थानी चित्रकारी कर रखी है. इसमें दो डिब्बे है, जिसमें एक एसी और एक नॉन एसी डिब्बा होगा. ट्रायल कामलीघाट से मारवाड़ तक हुआ जिसमें अजमेर मंडल डीआरएम राजीव धनखड़, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक जितेंद्र मीणा सहित कई अधिकारी पहुंचे. एक और खास बात यह है ली इसी ट्रेक पर रेल बस सेवा भी शुरू होने जा रही है. रेल बस आ चुकी है और मारवाड़ जंक्शन पर खड़ी हुई है. दोनों का अभी तय नहीं कि कब शुरू होगी लेकिन दोनों के शुरू होने पर काफी फायदा होगा.


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