Sawan Somwar Vrat 2023: राजस्थान के भरतपुर जिले से साइकिल क्लब के करीब 35 साइकिल राइडर्स हरिद्वार पहुंचे और वहां से डांक कावड़ लेकर आज सुबह भरतपुर पहुंचे. डांक कावड़ लेकर भरतपुर पहुंचने पर साइकिल क्लब के सदस्यों का जोरदार स्वागत किया गया. साइकिल क्लब के सदस्यों द्वारा चार कावड़ लेकर भरतपुर और जयपुर-आगरा नेशनल हाइवे स्थित डालमिया डेरी पर स्थित शिव मंदिर पर गंगा जल चढ़ाया गया. उसके बाद नाचते-गाते हुए सभी श्रद्धालु भरतपुर के मथुरा गेट स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में स्थित शिव मंदिर पर गंगाजल चढ़ाया गया. शिव मंदिर पहुंचने पर पुष्प वर्षा कर कावड़ियों का स्वागत किया गया गया.
राजस्थान सरकार करा रही है रुद्राभिषेक
हिन्दू धर्म में श्रावण मास का अलग ही महत्व माना जाता है.हरिद्वार के हरी की पैड़ी से श्रद्धालु कावड़ लेकर शिव मंदिरों में गंगाजल चढ़ा रहे हैं. श्रावण मास के सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक कर बेलपत्र चढ़ाकर पूजा श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है .राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा श्रावण मास के अलग-अलग सोमवार को प्रदेश के 44 शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक कराया जा रहा है.भरतपुर के श्मशानेश्वर महादेव पर भी सरकार द्वारा रुद्राभिषेक कराया जाएगा.देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त केके खंडेलवाल ने बताया है कि भरतपुर के श्मशानेश्वर महादेव पर भी रुद्राभिषेक 28 अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार को कराया जाएगा.
सावन में सोमवार के दिन लगभग सभी मंदिरों में शहर के चौदह महादेव, राज राजेश्वर, ठंडेश्वर, रंगेश्वर, डालमिया महादेव,अर्ध नारीश्वर, चौमुखा महादेव, अग्रेश्वर, तिलकेश्वर सहित भरतपुर के सभी शिवालयों भी कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. श्रद्धालु विधि विधान से पूजा कर सावन के सोमवार का व्रत रख रहे हैं.
शिवालयों में लगी भक्तों की भीड़
भरतपुर जिले में श्रावण माह के चौथे सोमवार को पूजा के लिए शिवालयों में भक्त सुबह होते ही पहुंचने लगे और जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की. भरतपुर में प्रसिद्ध प्राचीन चौदह महादेव जी का मंदिर है, जो गंगा महारानी मंदिर के पास स्थित है चौदह महादेव मंदिर भी प्रसिद्ध मंदिरों में माना जाता है. यहां चौदह शिवलिंग एक साथ विराजमान हैं. श्रद्धालु यहां पर चौदह शिवलिंग की एक साथ पूजा कर शिवलिंग पर दूध और जल बेलपत्र चढ़ाकर पूजा-अर्चना करते हैं.
इस बार सावन में आठ सोमवार
वर्ष 2023 में श्रावण मास में अधिक मास भी पड़ रहा है. इस बार श्रावण मास में आठ सोमवार पड़ेंगे और श्रावण मास सोमवार की पूजा और व्रत आठ सोमवार करने होंगे. श्रावण मास में अधिक मास होने के कारण लोगों में पूजा-अर्चना दान दक्षिणा की तरफ ज्यादा रुझान देखा जा रहा है. श्रावण के अधिक मास में लोग शिव मंदिरों में तो पूज-अर्चना कर ही रहे है, लाखों की संख्या मे लोग गोवर्धन की परिक्रमा करने भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
सावन में पूजा का विशेष महत्व है
पंडित प्रेम शर्मा ने बताया कि मंदिर की मान्यता और आस्था के चलते यूं तो हर दिन श्रद्धालु शिवालयों में पूजा अर्चना कर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करते हैं,लेकिन श्रावण मास में शिवालयों में दर्शन के लिए काफी भीड़ रहती है.पूरे श्रावण मास में श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ण करने की इच्छा से मंदिर में जाकर भगवान शिव की आराधना और पूजा करते हैं.श्रद्धालु दूर-दूर से हरिद्वार जाकर कावड़ लेकर आ रहे हैं और शिव मंदिरों में गंगाजल से अभिषेक कर रहे हैं.
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