Udaipur: विपरीत परिस्थितियों में हर कोई अपना मुकाम हासिल नहीं कर सकता, लेकिन ऐसी ही परिस्थितियों से जूझकर चित्तौड़गढ़ की महिला शिक्षक ने देशभर मे परचम लहराया है. इस टीचर ने 3 साल पहले अपने पति को खोया, फिर डिप्रेशन में चली गई. फिर उन्होंने इस से उबरने के लिए वेट लिफ्टिंग खेल को अपनाया. अब उन्होंने इस खेल में पहले जिला स्तर पर, फिर राज्य स्तर पर और अब राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर सफलता का परचम लहरा दिया है.


राजस्थान की महिला पावर लिफ्टर से पहचान बना चुकी शोभा माथुर ने सिर्फ 2 महीने की अभ्यास से नेशनल पावर लिफ्टिंग में हैदराबाद में आयोजित प्रतियोगिता में 4 गोल्ड मेडल जीतकर रिकॉर्ड बना दिया. शोभा ने यह उपलब्धि मास्टर केटेगरी में 63 से 69 किलो वर्ग में 262.500 किलो वजन उठाकर हासिल की है. शनिवार शाम 5 बजे हैदराबाद स्थिति कोटला विजया भास्कर रेड्डी स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता के मेडल सेरेमनी में जब शोभा को एक के बाद एक चार गोल्ड मेडल दिए गए तो हॉल तालियों से गूंज उठा. 


लगातार जीते गोल्ड पर गोल्ड 
पिछले साल सितंबर में चित्तौडगढ़ में राज्य स्तरीय बेंच प्रेस पावर लिफ्टिंग में रजत पदक हासिल करने वाली शोभा. दिसंबर 2021 को उदयपुर में राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिंग 220 किलो वजन उठाया और गोल्ड हासिल किया था. भरतपुर में मई 2022 में हुई प्रतियोगिता में 257.500 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल हासिल किया. अब 262.500 नेशनल में गोल्ड मेडल हासिल किया. हर बार लोहे का वजन बढ़ता गया और शोभा माथुर के गोल्ड बढ़ते गए. उन्होंने यह सफलता कोटा के कोच अजय धमेचा, कमलजीत कौर के मार्गदर्शन में हासिल की है.


विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत नहीं हारी
शोभा दो बड़े बच्चों की मां है जिन्होंने अपने पति को खोया. इसके बाद जज्बात से ऊपर उठकर, कड़े अभ्यास से पावर लिफ्टिंग में नेशनल में 4  गोल्ड मेडल हासिल करके बता दिया है कि ना तो कोई उम्र खेल में बाधा बनती है और ना ही महिला होने की परिस्थितियां. उन्होंने बताया कि वह पावर लिफ्टर मीराबाई चानू और कर्नम मल्लेश्वरी से प्रेरित है.


शोभा ने बताया कि 3 साल पहले न्यायालय में कार्यरत पति धर्मेंद्र माथुर का निधन हो गया था. वह हादसे से टूट चुकी थी और डिप्रेशन में चली गई थी. डॉक्टरों ने सलाह दी कि दूसरे माहौल में ले जाया जाए. डॉक्टर ने बच्चों से पूछा कि क्या पसंद है तो बच्चों ने कहा कि मां को पावर लिफ्टिंग करना पसंद है. डॉक्टर ने कहा कि मां का शौक पूरा कराओ. खेल डिप्रेशन से उबरने का सबसे अच्छा तरीका है. उन्होंने आगे बताया कि वह बचपन से खो-खो खेला करती थी और स्टेट खेल चुकी हैं. परिवार में खेल का माहौल था. पावर लिफ्टिंग करती थी. शादी के बाद प्रैक्टिस जारी रही. उन्होंने कहा नेशनल में पदक जीतने के बाद एशियन गेम्स में पदक हासिल करना मेरा लक्ष्य है.


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