Shyam Rangeela Nomination: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले कॉमेडियन श्याम रंगीला का नामांकन खारिज हो गया है. वहीं इसके बाद उन्होंने वीडियो जारी कर उनके नामांकन खारिज होने का कारण बताया. साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि लोकतंत्र में उन्हीं को लड़ने का अधिकार है जिन्हें आयोग चुनेगा.
सोशल मीडिया शेयर की वीडियो में श्याम रंगीला ने कहा, "बहुत दुख की बात है मैं आपको मेरे नामांकन खारिज होने के पीछे का कारण बता रहा हूं, क्योंकि बहुत सारे लोग इसके बारे में पूछ रहे हैं. कारण ये है कि हमें एक एफिडेविट के लिए बोला गया था और एक शपथ के लिए. लेकिन शपथ को लेकर उसमें टिक नहीं लगाया था."
वीडियो में उन्होंने आगे कहा, "जब हम बाहर निकले तो वकील साहब ने देखा कि एफिडेविट और शपथ को लेकर स्लिप में टिक लगाया गया था. तुरंत हम गए लेकिन हम अपडेट नहीं कर पाए कि हमारा नामांकन हो गया है या नहीं. हमने सबसे पहले एफिडेविट बनवाया. हमें जो स्लिप दी गई थी उस पर टाइम लिखा गया था कि 14 मई रात को 11.59 मिनट तक अपना एफिडेविट जमा करवा सकते हैं. हम वहां दस बजे ही पहुंच गए थे. हमने संपर्क किया तो वहां डीएम नहीं थे, जिन्होंने साइन किया वही थे और उन्होंने कहा कि अभी कुछ नहीं हो सकता, आप सुबह आइए."
'हमें डांटकर निकाला बाहर'
रंगीला ने कहा, "इसके बाद हमने डीएम से मिलने का इंतजार किया जब डीएम आए तो हमने उनसे कहा कि हम टाइम से पहले डॉक्यूमेंट ले आए हैं. तो उन्होंने हमें डांट दिया. साथ ही पुलिसकर्मियों से कहा कि इन्हें निकालो बाहर नहीं तो तुम्हें नौकरी से निकलवा दूंगा. उन्होंने कहा कि आप समय पर नहीं आए जब हमने इसका जवाब दिया तो कहा कि बहस मत करो."
उन्होंने कहा कि इसके बाद डीएम ने कहा कि आपने शपथ भी नहीं ली तो हमने कहा कि आपने जो कहा हमने किया आप अगर शपथ की कहते तो मैं शपथ भी ले लेता. इसके बाद हम समझ गए कि नामांकन जमा नहीं होगा और वहां से भारत माता की जय के नारे लगाकर चले आए.
'मैं उस हालत में नहीं जैसा पहले था'
श्याम रंगीला ने आखिर में कहा कि मैं दुख में हूं गुस्से में भी हूं. मैं उस हालत में नहीं हूं जैसा पहले था, इसलिए मुझे कॉल न करें. आगे जो भी होगा मैं सभी को बता दूंगा.
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