सीकर में सीवर टैंक की सफाई के दौरान दर्दनाक हादसा, जहरीली गैस की चपेट में आने से तीन मजदूरों की मौत
Sikar News: सीकर में दम घुटने से तीन मजदूरों की जान चली गयी. एक मजदूर 20 फीट गहरे सीवर टैंक में सफाई करने उतरा था. जहरीली गैस की चपेट में आने के कारण बेहोश हो गया. दो अन्य साथी बचाने उतरे.
Rajasthan News: सीकर जिले के फतेहपुर इलाके में मंगलवार को दर्दनाक घटना घटी है. सीवर टैंक की सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई. एक साथी को बचाने के लिए दो मजदूर नीचे उतरे थे. तीनों मजदूरों की जहरीली गैस की चपेट में आने के कारण मौत हो गयी. मृतकों की पहचान 30 वर्षीय सज्जन, 35 वर्षीय मुकेश और 38 वर्षीय महेंद्र के रूप में हुई है. अधिकारियों ने बताया कि एक सफाई कर्मचारी सीवेज टैंक की सफाई करने 20 फीट की गहराई में उतरा.
जहरीली गैस की चपेट में आने के कारण मजदूर बेहोश हो गया. अधिकारी ने बताया, "दो साथी बचाने के लिए अंदर उतरे. एक को बचाने उतरने दोनों साथी भी जहरीली गैस की चपेट में आने से बेहोश हो गये. मौके पर पहुंची पुलिस टीम तीनों को सीवर टैंक से बाहर निकालकर अस्पताल ले गयी. अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया." बता दें कि तीनों को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था. अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना लगभग 4:30 बजे सरदारपुरा क्षेत्र में हुई.
एक को बचाने के चक्कर में गयी तीन की जान
हादसे की जानकारी मिलने पर पुलिस और क्षेत्रीय विधायक हाकम अली खान समेत अन्य लोग मौके पर पहुंच गए. मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत, देश में सीवर की सफाई के लिए किसी भी व्यक्ति को नीचे भेजना पूरी तरह से अवैध है. विशेष परिस्थितियों में कर्मचारियों को नाले की सफाई के लिए चेंबर में भेजने का प्रावधान है.
प्रावधान के मुताबिक कर्मचारी का बीमा होना चाहिए, कर्मचारी को एक पर्यवेक्षक के निर्देशों पर काम करना चाहिए और कर्मचारी को कार्य शुरू करने से पहले लिखित अनुमति लेनी चाहिए. अक्सर सीवर टैंक की सफाई के दौरान नियमों की अनदेखी का मामला सामने आता है. सीकर की घटना भी मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 का उल्लंघन मानी जा रही है.
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