Rajasthan Crime News: राजस्थान की सिरोही पुलिस को धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने आरोपी को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से धर दबोचा है. 1.80 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में आरोपी दो साल से पुलिस को चकमा दे रहा था. जालसाज की पहचान विक्रम कुमार के रूप में हुई है. पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल ने बताया कि पीड़ित केसाराम की रिपोर्ट पर पिण्डवाड़ा थाने में मामला दर्ज हुआ था.
रिपोर्ट के मुताबिक केसाराम की पत्नी ने 21 मार्च 2020 को अमर आशीष अस्पताल उदयपुर में जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. जन्म के बाद नवजात बेटा बीमार हो गया. डॉक्टरों ने परिजनों को चाइल्ड अस्पताल ले जाने की सलाह दी. डॉक्टरों की सलाह पर केसाराम का रिश्तेदार नवजात को भण्डारी अस्पताल उदयपुर में लेकर गया. भण्डारी अस्पताल में नवजात के शरीर की जांच हुई. भतीज के लड़के विक्रम कुमार ने षडयंत्र रच कर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवायी.
शिशु की फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ठगी
फर्जी रिपोर्ट में नवजात बच्चे की लेफ्ट किडनी छोटी, जननांग की समस्या बताकर छह महीने बाद ऑपरेशन जरूरी बताया गया. एक वैक्सीन की कीमत एक लाख पच्चास हजार बताकर साजिश शुरू कर दी. पिता को बताया गया दो साल तक हर महीने एक वैक्सीन लगानी पड़ेगी. वैक्सीन लगाने लिए हर महीने बच्चे को उदयपुर ले जाना पड़ेगा. पिता नवजात बेटे की जान हर सूरत में बचाना चाहता था. पुलिस ने बताया कि भतीज के लड़के ने भरोसा में लेकर पीड़ित से लाखों रुपये ऐंठ लिये.
दो साल से फरार आरोपी छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार
हालांकि बेटे को एक भी वैक्सीन नहीं लगी. पिता को फर्जी मैसेज और पत्र मोबाइल के जरिये विक्रम ने करीब एक करोड़ अस्सी लाख का चूना लगा दिया. पिण्डवाड़ा पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी. मामला दर्ज होने के बाद धोखेबाज घर से गायब हो गया. फरारी के दौरान आरोपी ठिकाने बदलकर रहने लगा. पुलिस ने तकनीकी सहयोग से आरोपी विक्रम कुमार को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से धर दबोचा. आरोपी से राशि बरामद करने की कवायद जारी है.
तुषार पुरोहित की रिपोर्ट
ये भी पढ़ें-
जोधपुर कोर्ट में पेशी के दौरान लॉरेंस बिश्नोई ने 55 सवालों के दिए जवाब, रंगदारी वसूली पर क्या कहा?