Rajasthan: 50 साल बाद दादा-नाना बन चुके छात्र जब पहुंचे स्कूल, बचपन के गुजरे पलों को ऐसे किया याद
Sirohi News: 160 साल पुराने स्कूल में पढ़ाई कर चुके छात्रों ने अनोखा कार्यक्रम आयोजित किया. गुरू और शिष्यों के अनोखे रिश्ते की याद ताजा हो गई. छात्रों ने शिक्षकों के योगदान को याद किया.
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Rajasthan News: सिरोही जिले में गुरू- शिष्य के रिश्ते को बयान करने वाले कार्यक्रम का आयोजन हुआ. दादा और नाना बन चुके छात्रों ने बुजुर्ग शिक्षकों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया. स्कूल में करीब पचास साल पहले छात्रों ने शिक्षकों से ज्ञान प्राप्त किया था. रेलवे सीनियर सेकेंडरी स्कूल आबूरोड में वर्ष-1974, 1975 और 1976 बैच के 28 छात्र एक बार फिर मंच पर नजर आए. सम्मान समारोह में गुरू और शिष्यों के बीच का अनोखा रिश्ता देखने को मिला. पुरानी यादों को ताजा करने के साथ डॉक्टर, इंजीनियर समेत अन्य क्षेत्रों में कार्यरत पूर्व छात्रों ने अनुभव शिक्षकों को बताए.
समारोह में स्कूल के 90 वर्षीय शिक्षक चौथमल सोनी, कैलाशनारायण सक्सेना और जीएस भटनागर को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व छात्र अच्छे पदों तक पहुंचे. प्रमौद वैद्य अमेरिका में डॉक्टर हैं. वीरेंद्र कुमार ऑयल कम्पनी में जीएम के पद से रिटायर्ड हुए. सुनील कुमार का अमेरिका में व्यापार है. सीएम कौल रेलवे में महाप्रबंधक पद पर सेवाएं दे चुके हैं. छात्रों ने दिवंगत शिक्षकों को श्रद्धांजलि भी दी. उन्होंने शिक्षकों का आभार प्रकट करते हुए योगदान को याद किया.
दादा-नाना बन चुके छात्रों ने शिक्षकों के लिए किया कार्यक्रम
छात्रों ने कहा कि शिक्षकों के मार्गदर्शन से जीवन को नई दिशा मिली. समारोह में शिक्षकों और छात्रों के बीच संवाद ने माहौल को भावुक कर दिया. बता दें कि 160 साल पुराने स्कूल को तीन साल पहले बंद किया जा चुका है. आबूरोड पर रेलवे ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल की शुरुआत 1862 में थी. 2022 में सीनियर सेकेंडरी स्कूल को बंद करने का फैसला लिया गया. बंद करने की वजह रेलवे कर्मचारियों के बच्चों की संख्या का कम होना बताया गया. स्कूल में 1600 से अधिक छात्र पढ़ते थे. फिलहाल स्कूल को बंद कराकर रेलवे डीजल प्रशिक्षण केंद्र संचालित कर रहा है.
गणपत सिंह मांडोली की रिपोर्ट
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