Watch: छह साल की स्वरूपा ने गाया 'कंठी पर मोर बोले पर आ बिनणी ना बोले', जिसने भी सुना दिवाना हो गया, देखें वीडियो
Rajasthani Folk: स्वरूपा दमामी(ढोली) समाज से ताल्लुक रखती है. राजस्थान के लोकगीत गाना इस समाज का पुश्तैनी काम है. उसका परिवार वर्षों से सामाजिक कार्यक्रम में लोक गीत गाता रहा है.
Viral Video News: पश्चिमी राजस्थान की लोककला और लोकगीतों की संस्कृति का एक बड़ा समावेश है. क्षेत्र के लोक कलाकार देश ही नहीं विदेश में भी ख्याति प्राप्त हैं. बाड़मेर जिले की बच्ची का वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है.वायरल हो रहा वीडियो बाड़मेर जिले के कल्याणपुर तहसील के कोरना गांव का है.इस वायरल वीडियो में छह साल की स्वरूपा अपने माता-पिता के साथ मनमोहक आवाज के साथ 'कंठी पर मोर बोले पर आ बिनणी ना बोले' गाना गा रही है. यह वीडियो सोशल मीडिया के जरिए हर किसी के मोबाइल पर पहुंच चुका है.
स्वरूपा को मिलेगा मंच
डिजिटल युग में देश बदल रहा है. कंप्यूटर और इंटरनेट के इस दौर में अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने पेश करने के लिए मंच और अवसर की अब कोई कमी नहीं है. युवा हों या बुजुर्ग सोशल मीडिया के रंग में रंगा हुआ है. यही वजह है कि इस डिजिटल युग में रोज नई प्रतिभाएं उभर कर सामने आ रही हैं. इनमें से एक नाम है स्वरूपी का. वो केवल छह साल की है. इतनी कम उम्र में इतनी सुरीली आवाज में गाना गाती है.उसका गाना सुनकर हर कोई उसकी आवाज का दीवाना हो रहा है.
अपने माता पिता के साथ 6 साल की नन्ही बच्ची स्वरूपा ने गाया गाना "कंठी पर मोर बोले पर आ बिनणी ना बोले" वीडियो वायरल @ABPNews @prempratap04@iampulkitmittal @narendramodi @ashokgehlot51 @gssjodhpur @AmitShah @MinOfCultureGoI pic.twitter.com/uyKnwlfd6w
— करनपुरी (@abp_karan) May 10, 2023
बता दें बाड़मेर जिले के कल्याणपुर तहसील कोरना गांव निवासी मुल्तान राम और उसकी पत्नी तम्मा देवी अपनी छह साल की बेटी स्वरूपा के साथ एक ही गाना गा रही है. उनका वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. आर्थिक तंगी के कारण उनकी माली हालत ठीक नहीं है. कच्चे मकान में रह रही स्वरूपा जैसी प्रतिभा अपनी आवाज का लोहा सोशल मीडिया पर मनवा रही है. इतनी कम उम्र में वह जिस जोश-खरोश से गा रही है, उससे लोग उसके कायल हो गए हैं. स्वरूपा की सुरीली आवाज सुनकर लोग शाबाशी दे रहे हैं और हौंसलाअफजाई भी कर रहे हैं. तम्मा देवी ने बताया कि स्वरूपा तीन भाइयों छोटी बहन है. स्वरूपा को बचपन से ही गाना गाने का शौक है. अब वह माता-पिता के साथ जुगलबंदी करने लगी है. 'कंठी पर मोर बोले पर आ बिनणी ना बोले' गाना होली के आसपास गाया था. यह गाना अब वायरल हो रहा है.
गाना है पुश्तैनी पेशा
आपको बता दें स्वरूपा दमामी(ढोली) समाज से ताल्लुक रखती है. राजस्थान के लोकगीत गाना इस समाज का पुश्तैनी काम है. उसका परिवार वर्षों से सामाजिक कार्यक्रम में लोक गीत गाता रहा है. कम उम्र की इस बच्ची की आवाज हर किसी को दीवाना बना दिया है. स्वरूपा को उचित मंच मिल जाए तो वो केवल बाड़मेर जिला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का नाम देश-दुनिया में रोशन कर सकती है.
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