Jaipur News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक शिक्षक भर्ती के पेपर लीक के जांच का दायरा बढ़ता ही जा रहा है. इस मामले की जांच कर रही एसओजी आयोग के गिरफ्तार सदस्य बाबूलाल कटारा के परिवार के सदस्यों की भी जांच कर रही है. पहले उनके भांजे विजय डामोर और ड्राइवर गोपाल की गिरफ्तारी के बाद अब उनके बेटे डॉक्टर दीपेश कटारा और उसके शिक्षक दोस्त गौतम कटारा को पकड़ा है.  पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार किया जा सकता है. एसओजी टीम ने कटारा के डुंगरपुर के घर की तलाशी लेकर 50 लाख रुपये से अधिक की नगदी और आधा किलो से अधिक सोना बरामद किया है.एसओजी इस मामले में तीन अन्य से भी पूछताछ कर रही है. 


बाबूलाल कटारा ने बनाईं बेमानी संपत्तियां 


इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि विजय,ड्राइवर गोपाल के अलावा कटारा के परिवार ने पिछले दो साल में अकूत संपत्तियां जोड़ीं हैं. खास बात यह है कि कटारा की आरपीएससी में नियुक्ति तीन साल पहले हुई. कटारा ने अपने परिचितों के नाम पर करोड़ों रुपए रियल एस्टेट सहित अन्य जगह पर इन्वेस्ट किए हैं. उसकी उदयपुर में दो मंजिला बंगला और कॉम्प्लेक्स के अलावा डूंगरपुर, बांसवाड़ा, अजमेर, जोधपुर, पुष्कर समेत आसपास के क्षेत्रों में करोड़ों रुपये की संपत्तियां हैं. कटारा के बेटे दीपेश ने डूंगरपुर के शहरी क्षेत्र में स्टेडियम की जमीन दो लोगों के साथ मिलकर खरीदी थी.


एसओजी के एसपी विकास सांगवान ने बताया कि कटारा परिवार की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रहे हैं.यह भी पता लगाया जा रहा है कि आरोपियों ने काली कमाई का पैसा कहां-कहां इनवेस्ट कर रखा है.


डॉक्टर बेटा भी एसओजी की हिरासत में


बाबूलाल कटारा का बेटे डॉक्टर दीपेश कटारा ने जयपुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज से 2021-22 में एमबीबीएस की पढ़ाई की है. उसकी दो महीने पहले ही शादी हुई है. वह अभी कहीं प्रैक्टिस या जॉब नहीं कर रहा है. वहीं गौतम कटारा पीईईओ देवल के तहत राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल बारों का शेर में लेवल-2 का शिक्षक है. उसकी पांच साल पहले ही नियुक्ति हुई है. अभी कुछ समय पहले ही शादी हुई है.


वहीं बाबूलाल कटारा का भांडा विजय डामोर एमए-बीएड पास बेरोजगार है. काम की तलाश में वह मामा के पास आया था. बाबूलाल उसी से घर के जरूरी काम करवाता था.एसओजी की जांच में सामने आया कि कटारा ने पेपर माफिया अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह को 60 लाख में नहीं बल्कि एक करोड़ से ज्यादा में पेपर बेचा था. इस डील में 60 लाख रुपये कैश में दिए गए थे. बाकी के पैसे कटारा के कहने पर एक बिल्डर के पास पहुंचाए गए थे. एसओजी इसकी भी जांच कर रही है.


बाबूलाल कटारा के घऱ की तलाशी में क्या मिला


एसओजी की टीम गुरुवार शाम छह बजे डूंगरपूर पहुंची. टीम ने कटारा को लेकर उसके घर पर तीन घंटे से अधिक समय तक छानबीन की. रात करीब पौने दस बजे टीम बाबूलाल कटारा को लेकर रवाना हुई. यहां से एसओजी ने मामले से जुड़े 51.20 लाख रुपये, 541 ग्राम सोने के आभूषण जब्त किए. इसमें शेर सिंह की ओर से विजय को दिया गया कड़ा भी शामिल है. 


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