उदयपुर: राजस्थान में झीलों की नगरी उदयपुर में हर माह पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है.क्योंकि यहां का सौंदर्य यहां की शहर के बीच स्थिति झीलें हैं जो पर्यटकों को रोमांचित करती हैं.लेकिन पर्यटकों को इन झीलों में होने वाला एक महत्वपूर्ण रोमांच से अब नहीं मिलेगा.इसका निर्णय उदयपुर झीलों के संरक्षण के लिए बनी जिला संरक्षण और विकास समिति ने लिया है.इस समिति में झीलों के संरक्षण के लिए अन्य भी निर्णय लिए हैं, लेकिन पर्यटकों को रोमांचित करने वाला एडवेंचर अब नहीं होगा. जानिए क्या है यह निर्णय.
झीलों के लिए सख्त उदयपुर प्रसाशन
उदयपुर के जिले कलेक्टर ताराचंद मीणा ने कहा कि फतेहसागर, पिछोला और उदयसागर झील को नोटिफाइड होने की जानकारी होने पर कहा कि एशिया की दूसरी सबसे बड़ी झील जयसमंद को भी झील के रूप में नोटिफिकेशन की जरूरत है.उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों की टीम लगाकर शहर के सभी जलाशयों के सीमांकन करवाया जाना चाहिए ताकि इन पर अतिक्रमण न होने पाए.कलेक्टर ने बताया कि फतेहसागर और पिछोला को पर्यटकों के ओवरबर्डन से मुक्त कराने के लिए गोवर्धन नगर, बड़ी तालाब, पुरोहितों का तालाब, एकलिंगजी तालाब सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नैसर्गिक सौंदर्य से युक्त महत्त्वपूर्ण जलाशयों को पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा.
अतिक्रमण हटाया जाएगा
कलेक्टर ने वायु प्रदूषण की तरह ही झीलों में बोट्स आदि से होने वाले जल प्रदूषण को मापने के सयंत्रों को लगाने की जरूरत पर भी जोर दिया. उन्होंने फतेहसागर पर महिलाओं को ई रिक्शा उपलब्ध कराने, बाघदड़ा और मेनार को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने,मुंबइया बाजार के अतिक्रमण को रोकने, बनारस और डूंगरपुर की तर्ज पर शहर की झीलों में सोलर बोट संचालित करवाने,उदयसागर में बोटिंग व पर्यटन गतिविधियों की स्वीकृति के संबंध में मौका निरीक्षण कर रिपोर्ट करने के भी आदेश दिए हैं.
फतेहसागर झील में अब क्या चलेगा
पर्यटक उदयपुर की झीलों के कारण ही आकर्षित होकर यहां आते हैं. यहां आने वाले पर्यटकों में से 90 फीसदी तो झीलों में होने वाले रोमांच का लाभ उठाते हैं. यह रोमांच है स्पीड बोट का.पानी की लहरों पर तेज स्पीड में दौड़ती बोट में बैठकर पर्यटक काफी आनंद लेते हैं. इसकी टिकट के लिए दो घंटे तक इंतजार करना पड़ता है. अब उदयपुर की झीलों में यह रोमांच खत्म हो जाएगा. जिला संरक्षण और विकास समिति की बैठक में कलेक्टर ने कहा कि स्पीड बोट्स से फतेहसागर में विचरण करने वाले पक्षियों और जलीय जीवों को बड़ा नुकसान होता है. इसलिए फतेहसागर को स्पीड बोट्स से मुक्त करने की जरूरत है.उन्होंने कहा कि पर्यटन के नजरिए से सोलर बोट्स का संचालन बेहतर है. इसलिए अगले टेंडर से स्पीड बोट्स को अनुमति न देने के निर्देश दिए गए हैं.
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