Rajasthan Triple Murder: राजस्थान की एक अदालत ने तिहरे हत्याकांड (Rajasthan Tripple Murder ) मामले में 19 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दरअसल, राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ थाना क्षेत्र के रीड़ी गांव में 14 साल 162 दिन पहले हुए तिहरे हत्याकांड (Triple Murder) को लेकर कोर्ट (Bikaner Court) ने अपना फैसला सुनाया है. अपर सेशन न्यायालय बीकानेर के पीठासीन अधिकारी महावीर महावर ने 23 आरोपियों में से 19 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया है. दोषियों को अर्थदंड जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. तिहरे हत्याकांड के सभी 23 आरोपी फिलहाल जमानत पर चल रहे थे. शुक्रवार को सभी न्यायालय में उपस्थित हुए, जहां से उन्हें जेल भेजा गया.
अपर लोक अभियोजक संपूर्णानंद व्यास के मुताबिक रीड़ी सरपंच त्रिलोकनाथ, उसके बेटे लालनाथ एवं रीड़ी निवासी रूपाराम पुत्र गोमंदराम जाट की हत्या के मामले में न्यायालय में वर्ष 2009 में चालान पेश किया गया था. तिहरे हत्याकांड मामले में करीब साढ़े 13 साल ट्रायल चला. चालान के दौरान 24 आरोपी थे. न्यायालय ने चार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. वहीं, एक अभियुक्त मघाराम जाट की ट्रायल के दौरान मौत हो गई. मघाराम के खिलाफ कार्रवाई बीच में ही रोक दी गई थी.
ये लोग अब जिदंगीभर रहेंगे जेल में
तिहरे हत्याकांड के इस मामले में न्यायालय में कुल 22 जनों के बयान करवाए गए. 150 दस्तावेज अदालत के सामने पेश किए गए.इस मामले में प्रभुराम जाट, मामराज जाट, नानूराम, हरीराम, गोपालराम जाट, ओमप्रकाश जाट, आसीदेवी जाट, परमेश्वरी जाट, सोहनी जाट, रामीदेवी जाट, श्रवणराम जाट, लिछुराम जाट, भैराराम जाट, रामेश्वरलाल जाट, धर्माराम जाट, मोहनराम जाट, दुलाराम जाट, बुद्धाराम जाट और लिछु जाट को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
बदले की भावना दोषियों ने तिहरे हत्याकांड को दिया था अंजाम
पीड़ित पक्ष के वकील ओम प्रकाश हर्ष ने बताया कि राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ (Sridungargarh triple murder case) के रीड़ी गांव में 21 जुलाई, 2008 को रीडी सरपंच त्रिलोकनाथ, बेटे लालनाथ एवं रूपाराम जाट पुत्र गोमंदराम जाट की हत्या हुई थी. इस मामले में रीड़ी निवासी आसुनाथ सिद्ध ने श्रीडूंगरगढ़ थाने में आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट लिखाई. मृतक त्रिलोकनाथ पुत्र तारनाथ सिद्ध रीड़ी गांव के सरपंच थे. 1995 से 2008 तक सरपंच रहे. मृतक के छोटे बेटे की बहू वर्ष 2015 से 2020 तक सरपंच रही. परिजनों की मानें तो त्रिलोकनाथ का राजनीतिक करियर उत्कृष्ट रहा. समाज व गांव में प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, जिससे आरोपीगण द्वेष रखते थे. इसी के चलते उन्होंने हत्या की.
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