Rajasthan Infant Mortality Rate: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) का प्रदेशवासियों को यूनिवर्सल हेल्थ केयर मॉडल के तहत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इसी का परिणाम है कि नवीन एसआरएस (सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम) बुलेटिन-2022 (SRS Bulletin-2022) के अनुसार राजस्थान (Rajasthan) में 0 से 1 साल तक के बच्चों की शिशु मृत्यु दर (IMR) में 3 अंक की कमी आई है. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर में 2 अंक की कमी आई है. बुलेटिन के अनुसार राजस्थान में 0 से 1 साल तक के प्रति हजार जीवित जन्म लेने वाले बच्चों की मृत्यु दर 35 से घटकर 32 हो गई है.

 

चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने इन परिणामों पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से आधारभूत चिकित्सा सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए जो गुणवत्तापूर्ण कार्य किए जा रहे हैं, उसके बेहतरीन परिणाम आने शुरू हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ग्रास रूट लेवल से लेकर सुपर स्पेशलिटी स्तर तक की चिकित्सा सेवाएं आमजन को निःशुल्क उपलब्ध करवा रही है. यूनिवर्सल हेल्थ केयर का राजस्थान मॉडल देश-विदेश के दूसरे राज्यों के लिए पथ-प्रदर्शक का कार्य कर रहा है. उन्होंने इन परिणामों के लिए चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के कार्मिकों को बधाई देते हुए और अत्यधिक कर्मठता के साथ कार्य करने का संदेश दिया. 

 

गर्भवती महिलाओं का ऐसे रखा जा रहा है ध्यान

 

दूसरी तरफ चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने बताया कि सरकार की ओर से मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसव पूर्व जांच कर, अति जोखिम संभावित गर्भवती महिलाओं का चिन्हीकरण किया जा रहा है. साथ ही उन्हें प्रसव से पहले विशेष सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. इसके अलावा अति अनिमिक गर्भवती महिलाओं को आयरन सुक्रोज के इंजेक्शन लगवाकर उनका नियमित फॉलोअप किया जा रहा है. आशा और एएनएम की तरफ से गृह भ्रमण कर धात्री माताओं के अलावा नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है. वहीं संभावित जोखिम की पहचान कर उन्हें रेफर किया जा रहा है.

 

राजस्थान में मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के तहत चल रहे हैं ये कार्यक्रम

 

उन्होंने बताया कि राजस्थान में संचालित 2 हजार 65 न्यूबॉर्न केयर कॉर्नर, 284 न्यूबॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट और 62 न्यूबॉर्न केयर यूनिट में बीमार नवजात शिशुओं का गुणवत्तापूर्ण इलाज हो रहा है. एमडी एनएचएम डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के तहत गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल कार्यक्रम, गृह आधारित छोटे बच्चे के लिए देखभाल कार्यक्रम, सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा कार्यक्रम, बाल मृत्यु समीक्षा कार्यक्रम और सांस (सोशल अवेयरनेस टो न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुल) कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं.

 

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