एसएससी सीजीएल-2022 के टॉपर मोहित चौधरी की ये है कहानी, बड़े संघर्ष से मुकाम किया हासिल
Success story : राजस्थान निवासी टॉपर मोहित ने सफलता के पीछे माता-पिता और मैथ ट्रिक्स देने वाले टीचर गगन प्रताप को दिया श्रेय। पिता की सेवा के लिए छोड़ दी थी कई बड़ी नौकरी।
जयपुर: राजस्थान के मोहित चौधरी (mohit choudhary) ने कर्मचारी चयन आयोग (ssc cgl 2023 ) नई दिल्ली की ओर से आयोजित संयुक्त परीक्षा 2022 में टॉप किया है। मोहित को पहली रैंक मिली है। मोहित अजमेर की किशनगढ़ तहसील के मंगरा गांव निवासी हैं। मोहित का चनय आयकर अधिकारी के रूप में हुआ है. 23 वर्षीय मोहित ने अपनी इस सफलता का आधार प्रतिदिन 12 घंटे की सेल्फ स्टडी को बताया है. इसके साथ ही उन्होंने आनलाइन कोचिंग की भी इसमें बड़ी भूमिका बताई है. मोहित का कहना है कि तैयारी के दौरान मैथमेटिक्स के टीचर गगन प्रताप से कोचिंग ली थी। मोहित IAS की तैयारी कर रहे हैं।
सफलता का इन्हें दिया श्रेय
मोहित ने कहा कि गगन प्रताप के मार्गदर्शन में एसएससी सीजीएल-2022 में पढ़ाई की है। उनका मैथ के सवालों को समझाने का तरीका बहुत आसान और समय बचाने वाला होता है. इससे जल्दी सवालों को हल करने में मदद मिली. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गगन प्रताप को दिया. मैथ टीचर गगन प्रताप ने कहा कि हमने इसे एक मिशन बना लिया है। हर बार हम इसके लिए काम करते हैं। बड़ी संख्या में बच्चे सफल हो रहे हैं। मोहित ने यह भी बताया कि 10 से 12 घंटे लैपटॉप से आज युवाओं को सबसे ज्यादा निर्माण में बाधा है. यही कारण रहा कि उन्होंने तीन साल पहले ही मल्टीमीडिया मोबाइल छोड़ दिया. केवल की-पैड वाले मोबाइल फोन का उपयोग किया. साथ ही गणित, अंग्रेजी. रीजनिंग और जीके चारों विषयों पर फोकस करके पढ़ाई की. ग्रुप बी की यह परीक्षा पहली बार नए पैटर्न पर हुई. इस परीक्षा के प्री क्वालीफई चरण में 16 लाख अभ्यर्थियों ने क्वालिफाई किया. इसके बाद मेंस का पेपर दिया, इसमें कंप्यूटर और टाइपिंग टेस्ट दिया. सभी के नंबर जुड़कर रैंकिंग बनी.
पिता हैं भारतीय सेना में सूबेदार
मोहित के पिता प्रभुलाल भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर जोधपुर में कार्यरत हैं. उनकी मां ललिता गृहिणी हैं. मोहित की पढ़ाई पिता की पोस्टिंग वाले स्थानों पर ही हुई है. मोहित ने पूना से मैकेनिकल में इंजीनियरिंग करने के बाद एसएससी सीजीएल की तैयारी शुरू कर दी. वर्तमान में मोहित अपने पिता के साथ जोधपुर में रहते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की तैयारी कर रहे हैं. वह पिता को छोड़कर नौकरी नहीं करना चाहते थे.