Rajasthan News: सूडान में गृह युद्ध छिड़ा हुआ है, जिसमें राजस्थान से बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं. ऐसे में 6 लोगों को सकुशल आज जयपुर एयरपोर्ट पर उतार लिया गया. एयरपोर्ट से बाहर आने पर सभी ने अपना कुछ न कुछ अनुभव सुनाया. वहीं टोंक जिले की रहने वाली शबनम खान जो सूडान की राजधानी खारतूम में थीं, उनका कहना है कि एक बार उन्हें लगा कि वो शायद अब लौट न पाएंगी. क्योंकि खारतूम का नेटवर्क कट गया था. बाद में एंबेसी से सम्पर्क हो पाया. उसके बाद अब सकुशल अपने घर लौट पाई हैं.


शबनम का कहना है कि वहां सबकुछ एक बार खत्म सा लगा. लग रहा था कि एक हफ्ते में सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन बाद में ऐसा नहीं लगा. उनका कहना है कि वहां पर चारों तरफ गोलियां चल रही थीं. बमबारी की आवाज आ रही थी. पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा था. चारों तरफ अंधेरा था. अब घर वापसी हुई तो राहत है. सरकार ने अच्छा काम किया है. 


 






ये लोग थे शामिल
सूडान से रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत मुंबई होते हुए 6 नॉन रेजिडेंट राजस्थानी शुक्रवार शाम को जयपुर एयरपोर्ट पर उतरे. रेस्क्यू किए हुए इन सभी राजस्थानियों को इनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर राज्य सरकार के जिला प्रशासन एवं राजस्थान फाउंडेशन द्वारा ली गई है. रात्रि 10 बजे इंडिगो की फ्लाइट से दशरथ सिंह, ओंकार सिंह, उत्तम सिंह राठौड़, हबीब खान और शबनम खान का जयपुर में स्वागत हुआ. इससे पूर्व अपराह्न 12.20 पर विस्तारा की फ्लाइट से एक और राजस्थानी ओंकार लाल गोपावत उदयपुर पहुंचे हैं.


निःशुल्क है व्यवस्था 
राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हिंसा प्रभावित सूडान में राजस्थानियों की सुरक्षा और निकासी सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए है. उनके प्रयासों के कारण ही हम विदेश मंत्रालय को प्रवासी राजस्थानियों के बारे में प्रामाणिक जानकारी देने वाले सर्वप्रथम राज्य बने. इसके साथ ही सूडान से लौटे सभी राजस्थानियों को चाहे वे फ्लाइट, बस या किसी अन्य प्रकार के परिवहन से यात्रा कर रहे हों, राज्य सरकार उनको उनके गंतव्य स्थान तक निःशुल्क पहुंचायेगी. 


केंद्र सरकार चला रही 'ऑपरेशन कावेरी'
सूडान से राजस्थानियों को सुरक्षित निकालने में हमारा प्रवासी परिवार भी काफी मददगार रहा है. इसी तरह बुधवार को भी 36 नॉन रेजिडेंट राजस्थानी दिल्ली पहुंचे थे और उन्हें उनकी मातृभूमि पहुंचाने की व्यवस्था राजस्थान फाउंडेशन द्वारा की गई थी. बता दें कि गृहयुद्ध के कारण सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाये जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत राजस्थानियों को सुरक्षित निकालने का काम किया जा रहा है.


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