Sudan Crisis: अफ्रीकी देश सूडान से भारतीयों के आने का सिलसिला जारी है. भारत सरकार भारतीयों को ऑपरेशन कावेरी के तहत देश वापसी करा रही है. सूडान में फंसे उदयपुर जिले के खरसान निवासी औंकारलाल गोपावत वतन आ गए हैं. उन्होंने सूडान में आंखों देखी 15 दिनों के गृह युद्ध का मंजर बयान किया. औंकारलाल गोपावत ने बताया, 'बम के धमाके, गोलियों की गूंज के बीच मौत को करीब से देखा. सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के बीच भीषण संघर्ष चल रहा है.'


सूडान में फंसे औंकारलाल गोपावत लौटे उदयपुर


औंकारलाल एक माह पहले पहले काम करने सूडान गए थे. भारत सरकार ने ऑपरेशन कावेरी चलाकर सूडान से रेस्क्यू किया. सूडान से सुरक्षित मुंबई पहुंचने पर ठहरने-खाने की बेहतर व्यवस्था थी. शुक्रवार दोपहर 12 बजे मुंबई से विस्तारा की फ्लाइट पकड़कर 2 बजे उदयपुर के डबॉक एयरपोर्ट पहुंचे. एयरपोर्ट से बाहर आने के बाद बड़गांव उप रजिस्ट्रार आरटीएस ईश्वर खटीक और आरआई किशन प्रजापत ने औंकारलाल गोपावत का माला पहनाकर स्वागत किया.


'आंखों के सामने मौत का मंजर नहीं भुलानेवाला'


स्वागत के बाद सरकारी गाड़ी से पैतृक गांव खरसान छोड़ा. औंकारलाल गोपावत को गुजरात के व्यापारी खाना बनाने सूडान ले गए थे. 2017, 2018 और 2019 में भी एक-एक साल के लिए औंकारलाल गोपावत सूडान की यात्रा कर चुके थे. इस बार 10 अप्रैल से 25 अप्रैल तक की स्थिति बिल्कुल अलग थी. आंखों के सामने मौत का मंजर कभी नहीं भुलाया जा सकता. औंकारलाल गोपावत का ठिकाना इमारत के दूसरे माले पर था. दूसरे माले तक बंदूक की गोलियां पहुंच रही थीं.


ऑपेरशन कावेरी की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवाया और वायुसेना के विमान से भारत पहुंचे. औंकारलाल गोपावत के मुताबिक लड़ाके आम नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा रहे थे. उनका टारगेट सिर्फ सरकारी संपत्तियां थीं. स्वदेश सुरक्षित वापसी पर उन्होंने भारत सरकार का धन्यवाद किया. 


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