Rajasthan News: कोटा में छात्रों के सुसाइड पर HC ने जताई चिंता, कहा- 'स्टूडेंट के लिए हफ्ते में 1 दिन अवकाश जरूरी'
Kota News: जिला कलेक्टर ने कहा कि यहां आने वाला हर छात्र का जीवन बहुमूल्य है.सभी छात्रों को अवसाद से दूर रखने के लिए सभी प्रयास करने हैं. जिससे कोई भी छात्र तनाव में आत्महत्या जैसा गलत कदम ना उठाए.
Student Suicide in Kota: कोटा के कोचिंग सेंटर देश-विदेश में अपनी अलग पहचान रखते हैं. पूरी दुनिया में यहां के छात्र अपना परचम लहरा रहे हैं. लेकिन कुछ खामियां भी देखने को सामने आ रही हैं. जिला प्रशासन समय-समय पर निगरानी रखता है और कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों को जरूरी दिशा-निर्देश भी देता है. अगर बात करें सुसाइड की तो यह कोटा के लिए काफी बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है.पहले हर साल आत्महत्या से होने वाली मौतों का आंकडा 12 से 15 के बीच रहा करता था. लेकिन इस साल अबतक करीब 20 छात्र शहर में आत्महत्या करते थे. यह काफी चिंता का विषय है.जिला कलेक्टर ओपी बुनकर की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय कोचिंग निगरानी समिति की बैठक में कई बातों पर विचार किया गया.
प्रत्येक कोचिंग छात्र का जीवन बहुमूल्य
जिला कलेक्टर ने कहा कि कोटा में आने वाले प्रत्येक कोचिंग छात्र का जीवन बहुमूल्य है. सभी छात्रों को अवसाद से दूर रखने के लिए सभी प्रयास करने हैं.जिससे कोई भी छात्र तनाव में आत्महत्या जैसा गलत कदम ना उठाए.कलेक्टर ने कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट ने भी छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लिया है.उन्होंने ऑनलाइन कंप्लेंट पोर्टल सिस्टम की जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने कोचिंग संस्थानों को हफ्ते में एक दिन के अवकाश को अनिवार्य करने को कहा है. उन्होंने कहा कि अवकाश के अगले दिन किसी तरह की कोई परीक्षा न रखी जाए.
हॉस्टल में कमी पाई गई तो सीज होगा
उन्होंने चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग द्वारा होने वाले छात्रों की स्क्रीनिंग में अवसाद में पाए गए छात्रों को या ऐसे छात्रों को जिनका स्क्रीनिंग में स्कोर दो से अधिक आता है, उन पर विशेष ध्यान देने के लिए थानेवार बनाए गए नोडल अधिकारी,कोचिंग संस्थानों के शिक्षक,हॉस्टल वार्डन और छात्र के परिवार को सूचित करने के लिए कहा है.उन्होंने कहा कि छात्रों की मानसिक अवस्था की जानकारी पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाएगी.किसी भी हॉस्टल में निर्माण संबंधी कोई कमी या किसी भी तरह की अनियमितता पाई गई तो उसको सीज कर दिया जाएगा.
छात्रों की जानकारी अपडेट करें
उन्होंने कहा कि सभी छात्रों का स्थायी पता और उनके माता-पिता के फोन नंबर हॉस्टल, कोचिंग और प्रशासन के पास होनी चाहिए. इसे हर तीन महीने में रिवाइज किया जाए.उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और अन्य चिकित्सा टीमों से अवसादग्रस्त छात्रों को दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार पर सुझाव मांगे हैं. उन्होंने अधिकारियों,कोचिंग संस्थानों और मेडिकल टीमों से कहा कि छात्रों को अवसाद और आत्महत्या से बचाना हम सबकी जिम्मेदारी और मानवीय दायित्व है. इसे गंभीरता से किया जाना जरूरी है.
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