लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में बढ़ी रस्साकशी! सुखजिंदर रंधावा ने विधायक को भेजा नोटिस, जानें वजह
Rajasthan Politics: राजस्थान में दो चरणों में सभी 25 सीटों पर लोकसभा चुनाव संपन्न हो गया. प्रदेश की बांसवाड़ा सीट पर चुनाव से पहले शुरू हुई कांग्रेस में उठापटक समाप्त होती नहीं दिख रही है.
Rajasthan News Today: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मेवाड़ वागड़ की 4 सीटों पर 26 अप्रैल को चुनाव हुए. चुनाव में सबसे हॉट सीट बांसवाड़ा लोकसभा रही थी. बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर चुनाव के दौरान सियासी रस्साकशी अपने उफान पर रही. अब चुनाव के बाद एक बार फिर यह सीट चर्चा में आ गई है.
कांग्रेस राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा को कारण बताओं नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में विधायक गणेश घोघरा को 7 दिन के अंदर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है. नोटिस के बाद वागड़ में एक बार फिर सियासी पारा बढ़ गया है.
रंधावा ने भरे मंच से दी थी कार्रवाई की चेतावनी
दरअसल, चुनाव के एक दिन पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा में पहुंचे थे. चौरासी विधानसभा से विधायक राजकुमार रोत हैं. भारत आदिवासी पार्टी की तरफ से राजकुमार रोत इस सीट से प्रत्याशी हैं. गठबंधन के तहत कांग्रेस ने भारत आदिवासी पार्टी प्रत्याशी को समर्थन दे रही थी.
इसी प्रत्याशी के समर्थन में चौरासी विधानसभा क्षेत्र में सभा हुई थी. जिसमें कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा शामिल नहीं हुए थे. इसको लेकर सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंच से कांग्रेस नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. इस चेतावनी को पूरा करते हुए नोटिस जारी किया.
यह है कारण
इस बार लोकसभा चुनाव वागड़ में कांग्रेस की स्थिति काफी उहापोह भरी रही. इस सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी मैदान में था, इसके वावजूद पार्टी ने भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन दिया. ऐसे में पार्टी की दो धड़ों में बंटती हुई दिखाई पड़ी. एक भारत आदिवासी पार्टी को समर्थन दे रहे थे और चुनाव प्रचार कर रहे थे और दूसरे प्रचार नहीं कर अंदरूना विरोध कर रहे थे.
ऐसे में गणेश घोघरा भी उन्ही में से थे जो भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ थे और वह उनके प्रचार में शामिल नहीं हो रहे थे. इस दौरान वह कांग्रेस की सभा में भी नहीं पहुंचे, जिस सभा में रंधावा ने चेतावनी दी थी. नोटिस में लिखा हुआ है कि चुनाव में बांसवाड़ा में पार्टी गाइडलाइन की पालना क्यों नहीं की गई, इसका जवाब 7 दिन में पीसीसी को देवें.
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