Sukhjinder Singh Randhawa: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) को राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है. कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder Singh) के कुर्सी से हटने के बाद रंधावा चर्चा  में आए थे. इनका नाम एक बार सीएम के लिए भी सामने आ गया था. सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रभारी बनने के सबसे पहला इंटरव्यू देते हुए एबीपी लाइव से बात की है. उन्होंने खुलकर सभी सवालों का जवाब दिया और कहा कि वह फाइव स्टार कल्चर वाले प्रभारी नहीं रहेंगे.


सवाल: कब आएंगे राजस्थान? कब संभालेंगे प्रभार?
जवाब: अभी तो भारत जोड़ो यात्रा चल रही है. यात्रा के बाद प्रभार संभालूंगा. राजस्थान आने की कोई जानकारी अभी नहीं है, जब नेतृत्व का निर्देश मिलेगा, तब आऊंगा. पहले यात्रा में शामिल होना है, फिर रणनीति बनेगी.


सवाल: राजस्थान में आपको कौन सी बड़ी चुनौती दिख रही है?
जवाब: कोई चुनौती नहीं है. जो चुनौती से डर गया वो सफल नहीं होता. संगठन में सबकी बात सुनना और सबके लिए काम करना है. संगठन अगर मजबूत नहीं होगा तो काम नहीं चलेगा. अभी तो कुछ कहना मुश्किल है, लेकिन एक बार राजस्थान आने के बाद कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद ही कुछ कह पाना ज्यादा बेहतर समझूंगा.


सवाल: अविनाश पांडेय और अजय माकन पर संगठन को न समझ पाने का आरोप लगा, आप कैसे मैनेज करेंगे?
जवाब: मेरे पिता जी दो बार पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. मैं खुद संगठन में उपाध्यक्ष रहा हूं. चार बार का विधायक हूं. संगठन को समझता हूं और संगठन को बचपन से देखता आया हूं. पहला काम संगठन में सभी कार्यकर्ता को सम्मान देना, उनका अधिकार सुरक्षित रखना ही जिम्मेदारी होती है. चुनौती तो बड़ी होती है, लेकिन इससे डरने वाला सफल नहीं होता. पहले का तो पता नहीं, लेकिन अब सब ठीक होगा.


सवाल: सरकार और संगठन का तालमेल कैसे बैठा पाएंगे?
जवाब: सरकार और संगठन दोनों में काम कर चुका हूं. दोनों को समझता हूं. इसके लिए मजबूती से काम करूंगा. राजस्थान में कांग्रेस बहुत मजबूत है. कोई कमजोर नहीं है. दिग्गज टीम है. सरकार बेहतर कार्य करेगी और संगठन अपना अच्छा कार्य करेगा. 


सवाल: यहां जो 'कोल्डवार' चल रहा है उससे कैसे निपटेंगे?
जवाब: आने के बाद देखूंगा. अभी कुछ नहीं कह सकता. 


सवाल: 2023 में सरकार की वापसी को लेकर क्या कहना है ?
जवाब: कोई चुनौती नहीं है.? दिल के मुताबिक कांग्रेस चलेगी तो सब ठीक रहेगा. दिमाग कहीं और रहेगा तो काम ठीक नहीं होगा. मैं तो प्रभारी बनकर नहीं बल्कि कार्यकर्ता बनकर आऊंगा. सभी लीडर से मिलूंगा, उनसे बात करूंगा और सभी मसलों को समझूंगा. वर्ष 2023 को लेकर कोई परेशानी नहीं है. हर कांग्रेसी को आगे बढ़ाया जाएगा. चाहे छोटा हो या बड़ा हो सबको साथ लेकर चलना है. संगठन मजबूत होता है तभी सरकार बनेगी.


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