Bharatpur News: भरतपुर में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केवलादेव नेशनल पार्क (Keoladeo National Park) की बाउंड्री से एक किलोमीटर दूर तक सभी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है. किसी प्रकार का निर्माण होने पर गैर कानूनी माना जाएगा. विश्व धरोहर केवलादेव नेशनल पार्क में देशी विदेशी लगभग 300 प्रजातियों के पक्षियों को शोरगुल से दूर रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर नेशनल हाईवे, आधा दर्जन कॉलोनी और कई गांवों पर पड़ेगा. केवलादेव नेशनल पार्क के आसपास कई गांव, शहर की आधा दर्जन कॉलोनियों में और नेशनल हाइवे पर निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा.
सरकार का 'प्रशासन शहरों संग अभियान' प्रभावित
राजस्थान सरकार का 'प्रशासन शहरों संग अभियान' सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जद में आ गया है. अब गांव और केवलादेव नेशनल पार्क के एक किलोमीटर तक बसी कॉलोनियों में प्रशासन पट्टा भी नहीं दे पायेगा. जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने जून महीने में आदेश जारी किये हैं. इससे पहले पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सिर्फ व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाई थी लेकिन अब सभी प्रकार के निर्माण पर ब्रेक लग गया है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश टीएन गोदा वर्मन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य की ओर से दायर की गई रिट पिटीशन पर आया है.
पार्क के पक्षियों की चहचहाहट में पड़ रहा था खलल
आदेश मिलने के बाद केवलादेव नेशनल पार्क प्रशासन ने सभी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है. अब किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति केवलादेव नेशनल पार्क प्रशासन की तरफ से नहीं दी जा रही है. आदेश के बाद अब भरतपुर शहर की लगभग आधा दर्जन कॉलोनियों में निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा. साथ ही नगर निगम का प्रस्तावित नया कार्यालय भी नहीं बन पाएगा. नया कार्यालय केवलादेव नेशनल पार्क के गेट के सामने वाली रोड पर एक किलोमीटर की परिधि में बनना था.
बाउंड्री से एक किलोमीटर दूर तक निर्माण पर रोक
नगर निगम कार्यालय के निर्माण को भी गैर कानूनी माना जायेगा. केवलादेव नेशनल पार्क के चारों तरफ एक किलोमीटर की परिधि में स्थित गांव मलाह, रामनगर, चक रामनगर, अघापुर, चक दारापुर, दारापुर, चौबे का नगला, घसौला, बहनेरा, जाटौली घना गांव में पूरी तरह निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी. साथ ही सारस चौराहे के पास बनी कॉलोनियों में भी अब निर्माण कार्य नहीं हो सकेंगे और तो और केवलादेव नेशनल पार्क के पास से नेशनल हाईवे 21 नंबर जयपुर-आगरा भी के निर्माण और मरम्मत कार्य में भी परेशानी रहेगी.