Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान सरकार पर अप्रसन्नता जाहिर की है. कोर्ट ने  कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने के लिए उठाए गये कदम से जुड़े उसके हलफनामे को ‘असंतोषजनक’ करार दिया.अदालत ने राजस्थान सरकार से कहा कि वह कोई परमार्थ (चैरिटी) का काम नहीं कर रही है. न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है. निर्देश में उन्हें इस मामले में विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए कहा गया है. 


राजस्थान सरकार कोई परमार्थ का काम नहीं कर रही है


सर्वोच्च अदालत ने कहा, ‘‘इसके पहले भी आप ने एक आश्वासन दिया था. राजस्थान सरकार कोई परमार्थ का काम नहीं कर रही है. इस संबंध में इस अदालत द्वारा निर्देश जारी किया गया है और कोविड-19 से प्रभावित लोगों के साथ संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करना चाहिए.’’


कोर्ट ने कहा कि राजस्थान सरकार की ओर से दायर हलफनामा किसी भी तरह से संतोषजनक नहीं है. पीठ ने कहा कि अधिवक्ता विस्तृत हलफनामा दायर करने के लिए और समय का अनुरोध करते हैं,लेकिन इसे शुक्रवार को दाखिल करें.राजस्थान सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है.


सरकार सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2021 के आदेश का पालन नहीं कर रही 


शीर्ष अदालत अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2021 के आदेश का पालन नहीं कर रही है.आदेश में राज्यों को महामारी से जान गंवाने वाले लोगें के परिवारों को 50-50 हजार रुपये अनुग्रह राशि देने का निर्देश दिया गया है.


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