पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से झटका, 2 हफ्ते में सरेंडर करने के दिए निर्देश
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने धौलपुर के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को एक बिजली अधिकारी पर हमले के मामले में 2 सप्ताह में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है.
Girraj Singh Malinga News: राजस्थान के धौलपुर जिले के पूर्व विधायक गिर्राज मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला है. सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार (8 नवंबर) को धौलपुर के बाड़ी से पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की अपील खारिज करते हुए उन्हें 2 सप्ताह के अंदर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा है.
जानकारी के अनुसार 28 मार्च 2022 को जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के बाड़ी कार्यालय पर तैनात सहायक अभियंता हर्षाधिपति बाल्मीकि पर विधायक के साथ कुछ समर्थकों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया था. जब सहायक अभियंता अधिकारियों के साथ बैठक में उपस्थित हो रहे थे. घायल बिजली अधिकारी को हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने जयपुर रेफर कर दिया.
मारपीट करने का मामला दर्ज कराया था
पीड़ित सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि ने 29 मार्च 2022 को पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा सहित उनके पांच-छह समर्थकों के खिलाफ मारपीट करने का मामला दर्ज कराया था. राज्य की राजनीति में मामला तूल पकड़ने के बाद पूर्व विधायक गिर्राज मलिंगा ने 11 मई 2022 को जयपुर कमिश्नरेट में आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन 17 मई 2022 को उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी.
आत्मसमर्पण करने का दिया आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 जुलाई 2024 को उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी और उन्हें 30 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया, लेकिन पूर्व विधायक मलिंगा अपील करने के लिए सुप्रीम कोर्ट चले गए जहां अदालत ने उन्हें राहत प्रदान की और हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी.
विधानसभा चुनाव 2023 बीजेपी के टिकट पर लड़ा चुनाव
सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि की बेरहमी के साथ पिटाई करने के कारण विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस पार्टी ने गिर्राज मलिंगा को टिकट नहीं दिया था. गिर्राज मलिंगा ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन गिर्राज मलिंगा को हार का सामना करना पड़ा.
पूर्व विधायक के वकील ने बताया यह बात
पूर्व विधायक गिर्राज मलिंगा के वकील आदित्य मिश्रा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके मामले की सुनवाई करते हुए अपील खारिज कर दी और पूर्व विधायक को दो सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया. अदालत चार सप्ताह में मामले की दोबारा सुनवाई करेगी, जो बहुत सकारात्मक था.
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