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Sanjeevani Scam: संजीवनी घोटाले की CBI जांच की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज, संजीवनी संघ ने दायर की थी याचिका
Sanjivani Credit Society Scam: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आरोपी बता चुके हैं. उन्होंने कहा था कि आरोप प्रमाणित है. 13 अप्रैल को गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी.
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Rajasthan News : बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी (Sanjivani Credit Society) के निवेशकों (Investers) के 954 करोड़ के कथित घोटाले (Scam) के खिलाफ पिछले चार साल से निवेशक संजीवनी पीड़ित संघ के नाम से संस्था बनाकर संघर्ष कर रहे हैं. संघ ने हाईकोर्ट में दो याचिकाएं लगाई गई थीं. इनमें से एक पर फैसला हो गया. इसके तहत अदालत ने लिक्विडेटर नियुक्त किया है. इस बीच संजीवनी के कुछ निवेशकों ने एक समिति बनाकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका लगाकर इस मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की थी. इस पर उन्होंने गहरी आपत्ति जताई थी.
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को संजीवनी संघ की याचिका पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की. केंद्र सरकार की और से ऐश्वर्या भाटी व संजीवनी पीड़ित संघ की ओर से एके जैन अपने सहयोगी के साथ मौजूद रहे. सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़े कथित घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया. कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस मामले की सुनवाई राजस्थान हाई कोर्ट में चल रही है. आप भी उसी याचिका में शामिल हो जाएं.
18 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
संजीवनी पीड़ित संघ के अध्यक्ष शांति स्वरूप वर्मा एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए बताया कि संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के घोटाले की जांच एसओजी कर रही है. 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कुल 68 लोग आरोपी हैं. इस जांच को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है, क्योंकि सबको पता है कि सीबीआई और ईडी केंद्र सरकार के अधीन है.
केंद्रीय मंत्री पर लगाए ये आरोप
शांति स्वरूप वर्मा ने कहा की राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे. एसओजी की ओर से पेश की गई फाइल के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं होने व कुछ गफलत होने के कारण गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है. अब हमें न्यायालय व भगवान पर पूरा भरोसा है कि हमें इंसाफ जरूर मिलेगा.
यह लड़ाई जारी है और आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि 4 करोड रुपए की नवप्रभा नाम की कंपनी, जिसके पार्टनर गजेंद्र सिंह शेखावत थे. इस कंपनी के शेयर की कीमत 5 से 10 रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती है. लेकिन, वो ही शेयर हजार से 11 सौ रुपए के हिसाब से बेचे गए. निवेशकों की जीवनभर की मेहनत की कमाई का घोटाला कर यहां से सारा रुपया विदेशों में लगाया गया है.
अशोक गहलोत बता चुके हैं आरोपी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केन्दीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आरोपी बता चुके हैं. उन्होंने यहां तक कहा था कि आरोप प्रमाणित है. हाल ही में 13 अप्रैल को गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर सुनवाई के बाद उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी. जबकि एसओजी की रिपोर्ट पेश होनी थी. इसमें केंद्रीय मंत्री पर आरोप बताए गए थे.
लेकिन, सरकार के वकीलों में सामंजस्य के अभाव में रिपोर्ट पेश नहीं हुई. इसका फायदा गजेंद्र सिंह शेखावत को मिला. इसके बाद एसओजी की ओर से रिपोर्ट पेश करने का प्रयास किया गया, लेकिन कोर्ट ने उसे नियमित सुनवाई में ही सुनने का कहते हुए तुरंत सुनने से इनकार कर दिया था.
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