Swine Flu Patients increased in Rajasthan: राजस्थान के कोटा संभाग में मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. हाड़ौती क्षेत्र में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी. बारिश के बाद अचानक मौसम परिवर्तन से स्वाइन फ्लू का वायरस पैर पसारता जा रहा है. दिन में भीषण गर्मी और शाम को ठंडी हवाओं ने हाल बेहाल कर दिए है. इसी कारण स्वाइन फ्लू वायरस की सक्रियता बढ़ी है. 


कोटा संभाग में इतने मरीज
अगर कोटा जिले की बात करें तो यहां 2022 मई में एक, अगस्त में 4 व सितंबर में अब तक 8 यानी कुल 13 स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ चुके हैं. जबकि झालावाड़ जिले अगस्त में 14 व सितंबर में 84 स्वाइन फ्लू मरीज सामने आ चुके हैं. बारां व बूंदी में स्वाइन फ्लू का एक भी मरीज सामने नहीं आया है. इससे पहले 2018 व 2019 में स्वाइन फ्लू ने कहर बरपाया था. वर्ष 2018 में संभाग में 95 केस सामने आए थे और 19 मौतें हुई थी. 2019 में 275 केस सामने आए थे और 16 मौतें हुई थी.
 
यह रखें सावधानी, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
डॉक्टर पवन भारद्वाज ने बताया कि सर्दी-जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टरों को दिखाएं, हाथ मिलाने से बचें, हाथों को बार-बार साबुन से धोएं, भीड़-भाड़ में जाने से बचें ताकि संक्रमण ना फैल सके. कूलर की हवा व ठंडा पानी पीने से बचें. बाजारों व सार्वजनिक स्थानों पर मास्क जरूर लगाएं. उन्होंने ने बताया कि लक्षणों में शामिल हैं बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा रहता है. इस वायरस की बारिश के बाद नमी व सर्दी के साथ ही तीन तरह के वायरल एडिनो, रायनो व स्वाइन फ्लू वायरस की सक्रियता बढ़ जाती है. 


ग्रामीण इलाकों में मरीजो की बढ़ती संख्या
डॉक्टर पवन भारद्वाज ने बताया कि ग्रामीण इलाकों से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मरीज निकल कर सामने आ रहे हैं. यह मरीज पहले डेंगू का शिकार हो रहे हैं, फिर स्वाइन फ्लू की चपेट में आ रहे है. वहां ज्यादा साफ सफाई नहीं होने जागरूकता की कमी होने के चलते यह बीमारी फैल रही है. इन दिनों मौसम में बारिश के बाद तापमान में कमी आ रही है. इसी कारण स्वाइन फ्लू वायरस की सक्रियता बढ़ी है. ज्यादा दिन तक जुकाम रहने से जांच में अक्सर स्वाइन फ्लू पॉजीटिव आते हैं. पिछले 20 दिनों के भीतर खांसी-जुखाम वायरल संबंधित मरीज भारी संख्या में ग्रामीण इलाकों से ही आ रहे हैं. 


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