Rajasthan News in Hindi: जोधपुर जिले के बालेसर क्षेत्र के सेतरावा गांव के वीर दुर्गादास सैनिक स्कूल के हॉस्टल में रहने वालों बच्चों ने स्कूल प्रबंधन ऑफिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन बच्चों ने इंग्लिश मीडियम में इसी सत्र में स्कूल में एडमिशन लिया था. रोते बिलखते हुए अपनी पीड़ा सुनाते बच्चों का वीडियो भी सामने आया है. स्कूल के हॉस्टल में रह रहे बच्चों ने रोते हुए अपने परिजनों को वीडियो कॉल कर बताया कि उनके साथ स्कूल हॉस्टल में अत्याचार किया जा रहा है.उन्हें पीने का साफ पानी तक नहीं दिया जा रहा है. बाथरूम का पानी पिलाया जा रहा है. खाना भी नहीं दे रहे हैं. हम सभी छात्रों को ताला लगाकर बंधक की तरह रखा जा रहा है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. बच्चों को सुधार गृह में रखा गया है.


टीचर ने खुद को कमरे में बंद किया


बच्चों की बातें सुनकर परिजनों मंगलवार को स्कूल पहुंचे. वहां एक टीचर ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और बाहर से ताला लगवा दिया. ताला नहीं खोलने पर बच्चों के परिजनों ने बच्चों को प्रधानाचार्य कक्ष के बाहर बरामदे में इकट्ठा किया. वहीं वीडियो बनाकर उनसे सारी बातें पूछी कि किस तरह से स्कूल में अत्याचार किया जा रहा है. बच्चों के परिजनों ने स्कूल में हंगामा करते हुए बाल कल्याण अधिकारी को शिकायत करने के साथ जोधपुर ग्रामीण पुलिस को भी सूचना दी. इस मामले में बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. बच्चों को रेस्क्यू कर बाल सुधार गृह लाया गया है. बच्चों ने स्कूल के प्रबंधक मोहन सिंह प्रिंसिपल,टीचर महावीर सिंह और वीरेंद्र सिंह पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया है. बच्चों ने बताया कि महावीर सर खुद के कमरे का लॉक कर अंदर छुपे बैठे हैं.


वीर दुर्गादास सैनिक स्कूल के हॉस्टल में रहने वालों बच्चों ने जो कुछ बताया है वो हैरान करने वाला है. छोटे-छोटे बच्चों ने रोते हुए अपनी पीड़ा बताई हैं. वीडियो में एक बच्चे ने कहा कि उन्हें पीने के लिए बाथरूम का पानी दिया जाता है. वाटर कूलर सिर्फ हिंदी मीडियम छात्रों के लिए हैं. वॉशरूम पर भी ताला लगा दिया जाता है. चाबी मांगे तो कह देते है कि नहीं है. 


बच्चों ने क्या आरोप लगाए हैं


हिंदी मीडियम के टीचर कहते हैं कि हम तुम्हें खाना खिलाकर एहसान करते हैं. एक दिन खाने में कमियां बताईं तो हम बच्चों को बिना खाना खिलाए ही हास्टल के कमरे में भेज दिया. बच्चों ने आरोप लगाया है कि वीरेंद्र सर और महावीर सर ने हमें नाजायज औलाद तक कह दिया. 


बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि टेलीफोन के माध्यम से कुछ अभिभावकों ने शिकायत की थी. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने अपने अभिभावकों को वीडियो कॉल कर स्कूल में चल रही अव्यवस्थाओं के हालात बताए थे. इस शिकायत पर शिक्षा निदेशक और संबंधित विभाग को पत्र लिखकर जवाब मांगा गया है. बच्चों का भविष्य खराब ना हो इसके लिए बाल आयोग प्रयासरत है. जो भी तथ्यात्मक रिपोर्ट आएगी उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.


पुलिस ने क्या कार्रवाई की है


वहीं जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव ने बताया कि बच्चों के परिजनों की शिकायत पर हमने मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल बच्चों को बाल सुधार गृह में रखा जाएगा या मनोचिकित्सक से उनकी काउंसलिंग कराई जाएगी. उसके बाद बच्चों के बयान लिए जाएंगे.


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