Teachers Day 2022: टीचर्स डे पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला दे रहे थे भाषण, तभी हुआ कुछ ऐसा हक्के-बक्के रह गए लोग
Rajasthan News: शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के संबोधन के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि वहां मौजूद सभी शिक्षक थोड़ी देर के लिए हक्के बक्के रह गए.
Teachers Day 2022 Speech: देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. राजस्थान सरकार की ओर से आज शिक्षक दिवस पर राज्य स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में किया गया. इस समारोह में जब शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला का संबोधन शुरू हुआ तो उस समय राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अमीन कायमखानी खड़े हो गए और जमकर हंगामा करने लगे. मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2021 में प्राथमिक स्तर की शिक्षा बहाल करने की घोषणा को पूरा करने की अमीन कायमखानी के द्वारा मांग उठाई गई.
मंत्री के संबोधन के बीच में अचानक हुए हंगामे के चलते बड़ी संख्या में मौजूद शिक्षक एक बार तो हक्के बक्के रह गए. मौके पर मौजूद कुछ लोगों द्वारा अमीन कायमखानी को सभागार से बाहर ले जाया गया हालांकि इस हंगामे से पहले शिक्षा मंत्री ने मंच पर बुलाकर अमीन कायमखानी से अलग से बात करने ले लिए बोला था लेकिन इसके बाद भी कायमखानी द्वारा कार्यक्रम में हंगामा किया गया. हंगामे के बीच भी मंत्री ने अपना संबोधन जारी रखा. इस बीच एक युवक ने अमीन कायमखानी को सभागार से बाहर ले गया लेकिन अमीन कायमखानी बोलने से नहीं रुके हंगामा जारी रखा.
अमीन कायमखानी ने आरोप लगाते हुए कहा, "तृतीय भाषा उर्दू के 1 हजार पदों के सृजित करने की मुख्यमंत्री ने बजट 2021 में घोषणा की थी. जिसकी पालना में शिक्षा विभाग ने 541 तृतीय श्रेणी लेवल 2 उर्दू के 541 पद तथा वरिष्ठ अध्यापक उर्दू के 58 पद आवंटित किए जा चुके है लेकिन अफसोस की बात है कि जिन विद्यालयों में उर्दू के पद आवंटित किए है इनमें ज्यादातर स्कूलों में उर्दू शिक्षक की व्यवस्था नहीं होने के कारण आज भी उर्दू भाषी विद्यार्थी मजबूरन संस्कृत पढ़ रहे हैं तथा अपनी मातृभाषा की तालीम से महरूम रह रहे हैं.
इन विद्यालयों में उर्दू की निःशुल्क किताबों की बजाय संस्कृत की किताबें वितरित की गई है दूसरी तरफ सरकार अन्य विषयों के शिक्षकों के रिक्त पदों के विरुद्ध विद्या सम्बल योजना के तहत गेस्ट फैकल्टी शिक्षक नियुक्त कर रही है लेकिन उर्दू शिक्षा के साथ दोयम दर्जे का सलूक कर रही है. हमारा विरोध संस्कृत से नहीं है,हमारा विरोध है 65 हजार स्कूलों में ना तो उर्दू की किताबे हैं और ना ही उर्दू के शिक्षक''.
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