Thar Mahotsav 2023: 'बाज' ने जीती घुड़दौड़ में बाजी, पांच लाख के घोड़े की कीमत हुई 25 लाख
Thar Mahotsav: तिलवाड़ा पशु मेले में देशभर के अलग-अलग राज्यों से बड़ी संख्या में घुड़दौड़ में भाग लेने के लिए प्रतिभागी पहुंचे थे. इस प्रतियोगिता को देखने के लिए दर्शकों का हुजूम उमड़ पड़ा.
Rajasthan News: राजस्थान के रेतीले धोरों की धरती पर इन जिलो थार महोत्सव (Thar Mahotsav) राजस्थान संस्कृति महोत्सव 2023 का आयोजन चल रहा है. बाड़मेर के तिलवाड़ा पशु मेले (Tiwada Cattle Fair) में गुरुद्वार का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के साथ-साथ कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए. घुड़दौड़ के आयोजन में 26 प्रतिभागियों ने भाग लिया. इसमें रेवाल चाल में रूप सिंह खारा अपने घोड़े के साथ प्रथम स्थान पर रहे. गणपत सिंह राजा हिंदुस्तानी घोड़े के साथ दूसरे स्थान पर और हरी राम बिश्नोई हंस घोड़े के साथ तीसरे स्थान पर रहे. विजेताओं को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.
तीसरी बार इसी घोड़े ने मारी बाजी
तिलवाड़ा में आयोजित घुड़दौड़ में पहले स्थान पर रहने वाले बाज नाम के घोड़े के मालिक रूप सिंह खारा ने बताया कि बालीनाथ जी की कृपा से मेरे घोड़े ने प्रथम स्थान पाया है. मेरा घोड़ा तीसरी बार पहले स्थान पर आया है. इसके अलावा मेरे पास दो घोड़े और रह चुके हैं. वह घोड़े भी दो बार प्रथम रह चुके हैं. मैं इनाम भी ले चुका हूं. उन्होंने कहा कि मेरा घोड़ा प्रथम आया हैं. उन्होंने बताया कि मेरा घोड़ा सिंधी नस्ल का है. इस घोड़े का नाम बाज है. उन्होंने बताया कि जिस तरह से बाज उड़ान भरता है, उसी तरह से मेरा घोड़ा भी उड़ान भरता है. मैं अपने घोड़ों की देखभाल में पूरा समय लगाता हूं.
पत्नी और बच्चों से ज्यादा रखता हूं घोड़े का ध्यान
उन्होंने बताया कि मैं अपनी पत्नी व बच्चों पर ध्यान नहीं देकर घोड़ो पर ध्यान देता हूं, इस घोड़े की पहले 5 लाख रुपए कीमत थी. अब इसकी कीमत 25 लाख रुपए हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि मैं पिछले 15 सालों से घुड़दौड़ में शामिल हो रहा हूं. छह से सात बार प्रथम रह चुका हूं. हर कोई अलग तरीके से घोड़ों की परवरिश करता है. मैं थोड़ा अलग तरीके से करता हूं. हर मौसम में अलग-अलग तरह की डाइट देता हूं. मेरे घोड़े ने प्रथम स्थान पाकर मुझे 1 किलो चांदी का उपहार दिलवाया है. आधी किलो चांदी मैंने गुरुवार को दे दी. एक पाव चांदी बाली नाथ गौशाला में दे दी. एक पाव चांदी मैंने सेवादार को दे दी हैं.
राज्य भर से पहुंचे थे प्रतिभागी
जानकारी हो कि तिलवाड़ा पशु मेले में देशभर के अलग-अलग राज्यों से बड़ी संख्या में इस घुड़दौड़ में भाग लेने के लिए प्रतिभागी पहुंचे थे. इस प्रतियोगिता के आयोजन को देखने के लिए दर्शकों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा. तिलवाड़ा पशु मेले में राजस्थानी संस्कृति की झलक भी देखने को मिली हैं. इस गुरुद्वार को देखने के लिए स्थानीय अन्य शहरों से भी दर्शक यहां पर देखने आए हुए थे.
यह भी पढ़ें : Udaipur News: परिवार के चार सदस्यों ने एक साथ की आत्महत्या, फंदे पर झूलकर दी जान, इलाके में मचा हड़कंप