Thar News: थार रेगिस्तान में हुआ 'शत्रुनाश' का अभ्यास, शामिल हुए आर्मी और एयर फोर्स के जवान
राजस्थान के थार रेगिस्तान में इंडियन आर्मी और भारतीय वायुसेना ने मिलकर 'शत्रु नाश' अभ्यास किया. इस फायरिंग अभ्यास में सेना की तोप, टैंक और हेलीकॉप्टर के अलावा वायुसेना ने भी हिस्सा लिया.
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Rajasthan News: सोमवार 21 नवंबर 2022 को पश्चिमी राजस्थान के थार रेगिस्तान में मौजूद इंडियन आर्मी की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में "शत्रु नाश" के अभ्यास को अंजाम दिया. सेना की दक्षिण पश्चिम कमान ने दुर्गम संयुक्त फायर पावर का परिचय देते हुए यह प्रैक्टिस पूरी की. सेना की दक्षिण पश्चिम कमान ने दुर्गम संयुक्त फायर पावर का परिचय देते हुए यह प्रैक्टिस पूरी की. इस फायरिंग अभ्यास में सेना की तोप, टैंक और हेलीकॉप्टर के अलावा वायुसेना ने भी हिस्सा लिया. ये फायरिंग इसलिए की जाती है ताकि, युद्ध के दौरान सभी हथियारों की बमबारी में तालमेल बना रहे और कोई गड़बड़ी ना हो.
वायु सेना थी शामिल
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में एक साथ सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना के साथ वायुसेना भी शामिल थी. जिसमें जमीनी और हवाई दस्तों का इस्तेमाल करते हुए एकजुटता तरीके से कई तरह के अलग-अलग फायरिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया. आज के आधुनिक समय में मौजूद नवीन तकनीकों को मद्देनजर रख कर व्यापक और उभरते खतरों को दूर करने के लिए सेना द्वारा इस अभ्यास में अलग-अलग गतिविधियों को दर्शाया गया. जिसमें दुश्मन के इलाके में स्पेशल फोर्स गुप्त रूप से घुसकर आक्रामक और जमीनी कार्यवाही करता है. इस अभ्यास में रियल टाइम कम्युनिकेशन का इस्तेमाल किया गया. साथ ही लड़ाई के हालत और युद्ध की सभी गतिविधियों के लिए अभ्यास किया गया.
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 'शत्रुनाश' अभ्यास के दौरान संयुक्त दोस्तों और उपकरणों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. जिसमें भीष्मा (T90 टैंक), अजेया (T-72 टैंक),K9 वज्र और शरंग आर्टीगन स्पेशल फोर्स भारतीय वायु सेना के आधुनिक फाइटर जेट्स और आर्मी एविएशन के एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (रुद्रा) भी शामिल हुआ. सैनिकों के आला दर्जे के प्रशिक्षण और तालमेल की सराहना करते हुए जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, सप्त शक्ति कमान, लेफ्टिनेंट जनरल ए एस भिंडर जीओसी-इन-सी ने विभिन्न कॉम्बैट और कॉम्बैट सपोर्ट दस्तों को शाबाशी दी.
'की स्वदेशी उपकरणों की सराहना'
जनरल ने 'आत्मनिर्भर भारत' या 'मेक इन इंडिया' के तहत शामिल की गई स्वदेशी प्लेटफॉर्म, उपकरणों की भी सराहना की. इसके अलावा जीओसी-इन-सी ने भविष्य में युद्ध को सुचारू रूप से लड़ने के लिए खुद की क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया. जीओसी-इन-सी ने सभी प्रतिभागियों को उच्च स्तर का प्रदर्शन करने के लिए बधाई दी और बेहतर ऑपरेशन तैयारियों की दिशा में प्रयास करने का आवाहन किया.
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