Rajasthan Politics: जोधपुर शहर विधानसभा सीट के पास है राजस्थान की सत्ता की चाबी, मनीषा पंवार की जीत से OBC की दावेदारी हुई मजबूत
Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में इनमें से सात सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. वहीं बीजेपी को दो सीटों पर जीत मिली थी.
Rajasthan Chunav 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) होने में कुछ ही महीने बाकी हैं. चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी जीत के समीकरण साधने के लिए मैदान में उतर चुकी हैं.कांग्रेस (Congress) सरकार को रिपीट करने की तैयारी में जुटी है.वहीं विपक्ष में बैठी बीजेपी (BJP) सत्ता पाने के लिए बेचैन है.2018 के चुनाव में राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को 99 सीटों पर जीत मिली. उसे 101 विधानसभा सीटों पर हार मिली थी.वही बीजेपी को 74 सीटों पर जीत मिली थी. वह 126 सीटें हार गई थी. दोनों ही पार्टियों ने 2023 के रण के लिए अपनी कमजोर सीटों पर जीत हासिल कर मजबूती से सरकार बनाने की कवायद में जुट चुकी हैं. वहीं अन्य दल व निर्दलीय उम्मीदवार भी तीसरे मोर्चे की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं.
नौ विधानसभा सीटों का दिल है जोधपुर शहर विधानसभा सीट
जोधपुर जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में इनमें से सात सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. बीजेपी को दो सीटों पर जीत मिली थी. वहीं 2023 विधानसभा चुनाव से पहले आज हम बात करेंगे जोधपुर शहर विधानसभा सीट की. यह सीट बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. जोधपुर शहर विधानसभा सीट जोधपुर जिले की 9 सीटों का दिल इसी सीट को कहा जाता है. इस सीट पर जिस पार्टी की जीत होती है. वो पार्टी सत्ता पर काबिज होती है.जोधपुर शहर विधानसभा सीट जनरल (सवर्ण) की मानी जाती है. कांग्रेस ने 2018 में ओबीसी उम्मीदवार को मैदान में उतारकर जीत हासिल की थी. उसके बाद से जनरल के उम्मीदवारों की उम्मीदवारी कमजोर हो चुकी है. शहर विधानसभा सीट परंपरागत जनरल की रही थी, लेकिन अब समय के साथ समीकरण भी बदल गए हैं.अब बीजेपी को अपनी परंपरागत सीट को फिर से जीत हासिल करने की चुनौती है.
कॉस्मोपॉलिटन सीट
जोधपुर शहर विधानसभा सीट को 2008 परिसीमन के दौरान इस सीट को कॉस्मो सीट बना दिया गया. परकोटे के अंदर घांची, प्रजापत, रावणा राजपूत, ब्राह्मण, पुष्करणा, मुस्लिम, ओसवाल और जैन कम्युनिटी के वोटर अधिक हैं. जोधपुर शहर विधानसभा सीट पर सभी राजनीतिक दल जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों को अधिकतर टिकट दिया गया है. जिसके चलते ब्राह्मण व जैन कम्युनिटी ही जोधपुर शहर विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर पाता है.
जोधपुर शहर सीट पर कौन कितनी बार जीता
- 1985 में कांग्रेस के अहमद बक्श सिंधी जीते
- 1990 में बीजेपी के नीरजमल सिंघवी जीते
- 1993 में बीजेपी की सूर्यकांता व्यास जीतीं
- 1998 में कांग्रेस के जुगल काबरा जीते
- 2003 में बीजेपी की सूर्यकांता व्यास जीतीं
- 2008 में बीजेपी के कैलाश भंसाली जीते
- 2013 में बीजेपी के कैलाश भंसाली जीते
- 2018 में कांग्रेस की मनीषा पंवार जीतीं
जनरल बनाम ओबीसी
जोधपुर शहर विधानसभा सीट पर पहले जैन व ब्राह्मण समाज का दबदबा चला आ रहा था, लेकिन 2018 में पिछड़ी जाति के उम्मीदवार की जीत के बाद ओबीसी नेता इस सीट पर दावेदारी जता रहे हैं. ब्राह्मण और जैन समाज भी इस सीट को जनरल के खाते में लाने के लिए कोशिशों में जुट गया है. हालांकि अभी जल्दबाजी होगी. जोधपुर शहर विधानसभा सीट पर जनरल बनाम ओबीसी हो चुका है. जोकि सभी राजनीतिक दल के लिए चुनौती भरा है.
कांग्रेस और बीजेपी सहित अन्य दल युवाओं को आगे लाने का प्रयास कर रहे हैं. वही बीजेपी कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टीयो के युवा उम्मीदवारों की फेहरिस्त काफी लंबी है. 2023 के विधानसभा के चुनाव में जोधपुर शहर विधानसभा सीट पर चुनाव के लिए मौजूदा विधायक मनीषा पवार, सलीम खान, मनीष लोढ़ा, अतुल भंसाली, गौरव जैन, नरेश जोशी, आनंद पुरोहित, अजय त्रिवेदी, देवेंद्र जोशी, नरेंद्र कछवाहा, जगत नारायण जोशी, पवन आसोपा जैसी कई नेता तैयारी में जुटे हुए हैं.लेकिन युवा उम्मीदवारों की पकड़ थोड़ी कमजोर बताई जा रही है.
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