उदयपुर: गुजरात और राजस्थान में आदिवासियों की संख्या काफी है. इन दोनों सीमावर्ती राज्यों में रिजर्व विधानसभा सीटों की संख्या इतनी है जो किसी भी सरकार का तख्ता पलट दें. राजस्थान में 200 में से 28 तो गुजरात विधानसभा की 198 में से 27 सीटें इन्ही के लिए रिजर्व है. बीजेपी-कांग्रेस हो या आप अब मैदान में इन सीटों पर अपनी जोर आजमाइश के लिए उतर चुकी हैं. हाल में कांग्रेस ने अपना राष्ट्रीय चिंतन शिविर उदयपुर में किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 31 अक्टूबर को बांसवाड़ा जिले में दौरा करने वाले हैं. वहीं दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी भी इन्हीं सीटों पर अपना जादू चलाने के लिए शुरुआत कर चुकी है.
पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की बात करें तो बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में इनकी सभा होगी. वो आदिवासियों के प्रमुख आस्था के केंद्र से सीधे 55 सीटों को साधने की कोशिश करेंगे. इस साल गुजरात तो अगले साल राजस्थान में विधानसभा के चुनाव हैं. बांसवाड़ा जिले में स्थिति है मानगढ़ धाम. यह राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के आदिवासियों के लिए सबसे प्रमुख आस्था का केंद्र है. इतिहास के अनुसार यहां जलियावाला बाग नरसंहार से भी बड़ा नरसंहार हुआ था. करीब 112 साल पहले संत गोविंद गुरु के नेतृत्व में अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते हुए हजारों आदिवासियों की जान गई थी. उनकी याद में यहां स्मारक बना है. इसे अब राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग चल रही है. पीएम मोदी जब सभा करेंगे तब देखना होगा कि इसकी घोषणा हो सकती है या नहीं.
आप का बैठ रहा जुगाड़
पंजाब में जीत के बाद स्वाभाविक है आम आदमी पार्टी का मनोबल और आत्मविशवास बढ़ा है. इसलिए अब आम आदमी पार्टी गुजरात और मेवाड़ के जरिए राजस्थान में सेंध मारने की तैयारी है. आप ने राजस्थान की 32 सीटों पर फोकस करना शुरू कर दिया है. इसके लिए को-कॉर्डिनेटर भी नियुक्त कर दिए हैं. आम आदमी पार्टी ने आदिवासी वोटों के लिए बीटीपी से गठबंधन किया था, लेकिन वह टूट गया. अब बीटीपी के विधायक आप में शामिल हो रहे हैं. हाल ही में गुजरात में बीटीपी के नेता चेतर वसावा ने आप जॉइन किया है. वहीं अगर राजस्थान की बात करें तो यहां भी बीटीपी के नेता आमने-सामने हो चुके हैं. वहीं आदिवासी समाज, जिसमें सभी युवा आदिवासी युवा जुड़े हैं और बीटीपी के कद्दावर नेता राजकुमार रौत इनके साथ ही नजर आ रहे हैं. बड़ी बात यह है कि हाल ही में स्टूडेंट इलेक्शन में करीब 26 कॉलेज में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के युवाओं ने परचम लहराया है. इससे ही आदिवासी की एकजुटता का उदाहरण देख सकते हैं. आप तोड़ रही है लेकिन तीनों पार्टियों के लिए बीटीपी और भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा चुनौती रहेगी.
आदिवासियों का तीर्थ स्थान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांसवाड़ा में आस्था के धाम मानगढ़ में आने में कई मायने हैं. मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की लंबे समय से मांग चल रही है. ऐसे में अपनी सभा में पीएम मोदी मानगढ़ धाम के राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकते हैं. ऐसा हुआ तो बीजेपी की गुजरात और राजस्थान में फायदा मिल सकता है.
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