जयपुर: राजस्थान में फिलहाल सियासी हलके में हलचल तेज हो चुकी है. क्योंकि विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) करीब है. अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार बजट पेश करने जा रही है.लेकिन इन सबसे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin pilot) को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं.क्योंकि उन्होंने पांच जिलों में पांच जन सभाओं की घोषणा की है.इसमें वो क्षेत्र शामिल है जो 'जाटलैंड' के तौर पर देखे जाते हैं. इन क्षेत्रों में पायलट की ताबड़तोड़ जन सभाएं बहुत कुछ संकेत दे रही हैं.इन सभाओं से क्या राजनीतिक मतलब निकाले और हित साधे जाएंगे,यह तो समय बताएगा लेकिन सचिन पायलट के सामने इस वर्ष तीन सियासी विकल्प हैं.जिन्हे वो अपना सकते है. जानिए क्या हो सकते हैं वो तीन सियासी विकल्प.


रिवाज के हिसाब से इन्तजार


पहला: मुख्यमंत्री पद के लिए 2023 या 2028 तक इंतजार.राजस्थान में एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी के सरकार बनने की परंपरा है, ऐसे में 2023 में कांग्रेस की यदि सरकार नहीं बनती है तो उन्हें 2028 तक इंतजार करना पडेगा.तब तक सीएम पद के कई दावेदार सामने आ जाएंगे.ऐसे में प्रदेश में पायलट के लिए संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी.राजस्थान में पिछले 30 साल से रिवाज का जलवा कायम है.सरकार रिवाज के हिसाब से बदलती रहती है.राज कायम रखना यहां चुनौती पूर्ण रहा है. 


अलग पार्टी की राह


दूसरा: कांग्रेस छोड़कर अलग पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में जाएं यह मुश्किल है, लेकिन इसकी संभावना सबसे अधिक है, क्योंकि इसके पहले भी महाराष्ट्र में शरद पंवार, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, आन्ध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की तर्ज पर पायलट एक अपना जनाधार खड़ा कर सकते हैं.इसकी चर्चा समय-समय पर होती रही है.इसके लिए भी एक धड़ा हमेशा काम भी किया है.इसके लिए क्या योजना बन सकती है, यह भविष्य पर छोड़ा हुआ है.यह भी राह आजमाई जा सकती है. रोचक बात कांग्रेस से अलग होकर पार्टी बनाने वाले लंबे समय तक उसी राज्य में मुख्यमंत्री भी रहे और कुछ तो अभी भी है.


बीजेपी और आम आदमी पार्टी में जाना


तीसरा: यह भी चर्चा है कि पायलट बीजेपी या आप का दामन थाम लें, लेकिन इसकी संभावना कम है; क्योंकि पायलट एक फेस है.बीजेपी में फेस की कमी नहीं है. आम आदमी पार्टी की ओर से पायलट को लगातार निमंत्रण दिया जा रहा है,लेकिन पायलट तैयार नहीं है.जानकारों का कहना है कि वे आम आदमी पार्टी में जाने की बजाय अपनी पार्टी बनाना ज्यादा पसंद करेंगे.


चर्चाओं का बाजार गर्म


सचिन पायलट को लेकर राजस्थान की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म है.लेकिन अभी भी कुछ साफ नहीं है.ऐसे में बस कयास ही लगाये जा रहे हैं.इंतजार में दोनों धड़ा है.साथ ही साथ बीजेपी और अन्य दलों में भी हलचल सचिन पायलट को लेकर है.इन हालातों में ये जन जनसभाएं बहुत कुछ साफ करती नजर आएंगी.


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