(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Udaipur News: इस विश्वविद्यालय को मिला कुलाधिपति अवॉर्ड, 28 विश्वविद्यालयों को पछाड़कर हासिल की उपलब्धि
Udaipur के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने राजस्थान के 28 विश्वविद्यालयों को पछाड़कर कुलाधिपति अवॉर्ड हासिल किया है.
Udaipur News: राजस्थान में वर्ष 2019 में राज्यपाल द्वारा घोषित किये कुलाधिपति अवॉर्ड का तमगा उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MPUAT) ने हासिल किया है. इसमें एमपीयूएटी ने 28 विश्वविद्यालयों को पछाड़ यह कामयाबी हासिल की है. खास बात यह है कि इस अवॉर्ड की घोषण भी इसी विश्वविद्यालय (University) के कैम्पस में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने की थी.
जिसके बाद कोरोना संक्रमण में कारण किसी को अवॉर्ड नहीं मिला. पहला अवॉर्ड ही एमपीयूएटी को मिला. यह अवॉर्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने जयपुर स्थित राजभवन में राज्य के सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के संवाद कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलपधिपति कलराज मिश्र से यह प्राप्त किया.
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने हासिल की खास उपलब्धि
कुलपति नरेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि अवॉर्ड की घोषणा के बाद कोरोना था और फिर अवार्ड के लिए प्रविष्टियां मांगी गई थी. इसके लिए राज्य के वित्त पोषित विश्वविद्यालयों द्वारा सूचनाओं एवं दस्तावेजों को भेजा जिसके परीक्षण के आधार पर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को इस अवार्ड के चुना गया था. उन्होंने आगे बताया कि इस महत्वपूर्ण सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के कर्मठ वैज्ञानिकों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का ही है.
प्रदेश का एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय जिसको इतनी उपलब्धियां
यह विश्वविद्यालय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की रैंकिंग में राज्य के कृषि और पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों में प्रथम और राष्ट्रीय स्तर पर कृषि विश्वविद्यालयों तथा कृषि संस्थानों में 15वां स्थान है. एक अन्य उपलब्धि के अंतर्गत विश्वविद्यालय के सभी संघटक महाविद्यालयों को आईसीएआर से मान्यता प्राप्त करने में भी विश्वविद्यालय सफल रहा है. विगत एक वर्ष में 11 पेटेन्ट प्राप्त करना, विश्वविद्यालय में राज्य में प्रथम डिजिटल टेक्नोलॉजी सेल की स्थापना, राज्य में प्रथम सोलर ट्री, कृषि ड्रोन, रोबोटिक एवं सेंसर आधारित मृदा जॉंच तकनीक जैसे अनेक नवाचारों से इस विश्वविद्यालय ने प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाई है.
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