Rajasthan Leader of Opposition: राजस्थान में चुनावी नतीजों के करीब ड़ेढ महीने के बाद आखिरकार नेता प्रतिपक्ष के नाम का एलान कर दिया है. पार्टी ने अलवर ग्रामीण से विधानसभा चुनाव जीतकर आए टीकाराम जूली को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है. वहीं जिम्मेदारी के मिलने के बाद टीकाराम जूली की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने बताया है कि वे सीनियर के अनुभव का लाभ लेते हुए और सभी को साथ लेते हुए बीजेपी को सड़कों और विधानसभा में जनता के मुद्दों को लेकर घेरेंगे.


राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, "मुझे जो जिम्मेदारी दी गई है सबसे पहले तो मैं आलाकमान का धन्यवाद देना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि 70 विधायकों का हमारा जो विपक्ष है और अन्य लोग भी हमारे साथ हैं. सभी एकजुट होकर सीनियर लोगों के अनुभव का लाभ उठाते हुए जनता की आवाज विधानसभा में उठाएंगे और सरकार को मजबूर करेंगे कि वे जनता के हक की बात करे." 



नवनियुक्त नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, "जिस तरह से पिछली सरकार के फैसलों को बदला जा रहा है, जनकल्याणकारी योजनाओं के  नाम बदले जा रहे हैं, उन्हें बंद किया जा रहा है इन सारे मुद्दों को हम विधानसभा में उठाएंगे और सरकार से सवाल करेंगे कि जो वादे इन्होंने जनता से किए हैं उन्हें कब पूरा किया जाएगा. 


कांग्रेस के कई गुटों में बंटने के सवाल पर अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली ने कहा, "सभी लोग मिलकर लड़ेंगे, कांग्रेस एक परिवार है और सभी की अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं, सभी अपने-अपने तरीके से काम भी कर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सभी अलग हैं, सब एकजुट हैं और सभी सड़कों और विधानसभा में मिलकर लड़ेंगे." उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने जिस तरह राजीव गांधी युवा मित्र योजना को बंद किया, युवाओं से जो वादे किए उनपर पूरे नहीं उतर रहे हैं. इस तरह की जितने भी मुद्दे हैं उन्हें जनता के बीच लेकर जाएंगे, साथ ही विधानसभा में भी उठाएंगे. 


टीकाराम जूली को मिली इस जिम्मेदारी के बाद कांग्रेस की मजबूती के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन जो काम मुझे मिला है उसे पूरी ईमानदारी के साथ पूरा करूंगा.


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