Rajasthan News: राजस्थान में नए जिलों को लेकर राजनीति तेज हो गई है. जहां एक तरफ बीजेपी अध्यक्ष ने जिलों को कम करने की बात कही है, वहीं अब विपक्ष इस बयान को लेकर हमलावर है. रविवार (8 सितंबर) को भीलवाड़ा में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने संकेत दिए कि कुछ छोटे जिले खत्म हो सकते हैं. वहीं मदन राठौड़ के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष टिकाराम जूली की प्रतिक्रिया सामने आई है.
एबीपी न्यूज से खास बातचीत में नेता प्रतिपक्ष टिकाराम जूली ने कहा, "अभी तो यह बीजेपी अध्यक्ष का बयान है. सरकार या गठित कमेटी का इसपर कोई बयान नहीं आया है. यह सब राजनीतिक माइलेज के लिए हो रहा है. हमने जनता को सहूलियत देने के लिए छोटे-छोटे जिले बनाए थे. जिससे जनता को राहत मिले. 100-100 किमी की जिलों की सीमाएं थीं, जिससे लोगों को जिला मुख्यालयों से जुड़ने में दिक्कत हो रही थी."
टीकाराम जूली ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, "इसलिए हमने छोटे जिले बनाएं, जिससे अब लोगों को राहत मिल रही है. इसलिए जिलों को खत्म करने या कम करने की जगह और जिले बढ़ाए जा सकते हैं. हरियाणा, मध्य प्रदेश जैसे प्रदेशों में जिलों की दूरी कम है. वहां पर तो ऐसा नहीं हो रहा है सिर्फ राजस्थान में ही बीजेपी की सरकार ऐसा क्यों करना चाह रही है. यहां जनता परेशान होगी."
जबरदस्ती जिला कम करने की कोशिश- टीकाराम जूली
जूली ने कहा, "अध्यक्ष के बयान पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है. सरकार की तरफ से कोई बयान नहीं आया है, जो कमेटी गठित की गई है उसकी रिपोर्ट के बाद ही कुछ तस्वीर साफ हो पाएगी. जबरदस्ती जिलों को कम करने की कोशिश की जा रही है, यह ठीक नहीं है. प्रदेश की जनता को सहूलियत देनी है या नहीं? यहां पर नए जिलों से लोगों को खुशी है. उन्हें जिला मुख्यालय से जुड़ने में आसानी हो रही है. जिला कम करने से लोग परेशान होंगे."
बता दें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस राज में गठित जिलों में से 7-8 जिलों को समाप्त कर दिया जाएगा. राठौड़ ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की नीति और अपने फायदे के लिए इन जिलों का निर्माण किया था. दरअसल, 17 मार्च 2023 को तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने 17 नए जिलों की घोषणा की थी जिसके बाद राजस्थान में जिलों की संख्या बढ़कर 50 हो गई थी. इसके बाद अक्टूबर में तीन और नए जिले घोषित किए गए. हालांकि, इसको लेकर कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई थी.