Problem of Kota: कोटा में लगातार हो रहे सुसाइड को रोकने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन के साथ कई स्वयंसेवी संस्थाएं और कोचिंग स्तर पर प्रयास किए जाते रहे हैं. सुसाइड रोकने और स्टूडेंट की समस्या के समाधन के लिए एक बार फिर से इन प्रयासों को और तेज किया गया है. कॅरियर सिटी कोटा में छात्र हित को सर्वोपरि रखते हुए उन्हें मोटिवेट करने के लिए अब हर हॉस्टल के स्तर पर काम किया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभाग हॉस्टल्स पर पैनी नजर रखेंगे. इसके लिए 'मिशन सारथी' लांच किया गया है. इसे लांच किया है ऑल स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसायटी ने. इस मिशन से 500 से अधिक हॉस्टल संचालक, वार्डन, मैनेजर और विद्यार्थियों से जुड़े व्यक्ति शामिल हैं. 


स्टूडेंट को परिवार के रूप में संभालना होगा
शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि देशभर में कोटा अच्छी शिक्षा के लिए विख्यात है. यहां बड़ी संख्या में विद्यार्थी आ रहे हैं, जब भी कभी स्टूडेंट के सुसाइड की सूचना मिलती है तो बहुत दुख होता है. स्टूडेंट्स दिल्ली में भी हैं लेकिन वे थोड़ी बड़ी उम्र के हैं. हमें ये समझना होगा कि ये छोटे बच्चे हैं जो परिवार छोड़कर हमारे पास आए हैं,हमें इन्हें परिवार के रूप में संभालना होगा.इनका ध्यान रखना होगा, छोटी-छोटी बातों को लेकर ये तनाव में नहीं आएं ये समझना होगा.यदि हॉस्टल्स के माध्यम से ध्यान रखा जाएगा तो हम ज्यादा बेहतर मॉनिटरिंग कर सकेंगे.


एक्सपर्ट 8 सदस्यों की टीम देगी ट्रेनिंग
नोडल ऑफिसर आरएएस गजेन्द्र सिंह ने कहा कि कोटा का अर्थ चक्र कोचिंग से चल रहा है. विद्यार्थी हित ही हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए. हम खुद से सवाल करें जो व्यवहार हम विद्यार्थियों के साथ करते हैं क्या यह उचित है. घर के बच्चों के साथ ऐसा ही किया जाना चाहिए. आपकी-हमारी सभी की जिम्मेदारी है कि समय रहते संभालें, विद्यार्थियों की सुविधाओं पर ध्यान दें। जो भी कमिटमेंट हमारे द्वारा बच्चों या अभिभावकों से किया जाता है उसमें गंभीरता बरतें. यह देखें कि हम जितना पैसा ले रहे हैं, क्या उतनी सुविधाएं दे रहे हैं.जिला प्रशासन के पास स्टूडेंट पोर्टल पर आने वाली ज्यादातर शिकायतें हॉस्टल्स से जुड़ी होती हैं.इन 187 शिकायतों में से 178 समस्याएं हॉस्टल से जुड़ी हैं.


सारथी सेशन के बारे में डॉ.हरीश शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों की समस्याओं को समझने, उनके मनोविज्ञान के अनुसार हॉस्टल्स पर सुविधाएं देने के उद्देश्य से 25 एक्सपर्ट साइकोलॉजिस्ट काउंसलर्स की टीम तैयार की गई है.आल स्टॅडेंट्स वेलफेयर सोसायटी के टीम मेंबर्स, सीपीओ और काउंसलर्स की 8 से 10 सदस्यों की टीम हर हॉस्टल में जाएगी. वहां हॉस्टल वार्डन व प्रबंधन से जुड़े अन्य सदस्यों को प्रशिक्षण देगी. विद्यार्थियों से बातचीत कर उन्हें अपने साथी विद्यार्थियों के व्यवहार परिवर्तन की जानकारी दी जाएगी.हर कमरे में सुविधाओं की जांच की जाएगी.सुधार के संबंध में हॉस्टल्स को सुझाव दिए जाएंगे.करीब 45 मिनट का ये सेशन होगा.किसी भी स्थिति से निपटने के लिए टीम मैंबर्स के नंबर दिए जाएंगे.कोई भी मामला सामने आता है तो पुलिस और प्रशासन के सहयोग के साथ टीम मौके पर पहुंचेगी और समाधान का प्रयास करेगी. 


इस साल अब तक कितनी आत्महत्याएं हुई हैं


कोटा में पिछले सालों की अपेक्षा 2023 में सबसे अधिक सुसाइड हुई है. हर वर्ष 12 से 15 कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड करते थे. लेकिन इस वर्ष साढे करीब सात माह में ही 17 स्टूडेंट सुसाइड कर चुके हैं.यह सबसे बड़ा आंकड़ा है.हालाकी यह भी कहा जा रहा है कि बच्चों की संख्या पहले की अपेक्षा बढ गई है.लेकिन फिर भी सुसाइड को रोकने के प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है.


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