Rajasthan Politics: राजस्थान के भरतपुर जिले में आज केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) आ रहे है.वो बीजेपी (BJP )के बूथ विजय संकल्प कार्यक्रम में भरतपुर संभाग के करीब चार हजार सा सौ कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे.इसके जरिए वो पूर्वी राजस्थान में कांग्रेस (Congress) के गढ़ में सेंध लगाने की रणनीति तैयार करेंगे. विधानसभा 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का भरतपुर संभाग में सूपड़ा साफ हो गया था.इस संभाग की 19 विधानसभा सीटों में से मात्र एक सीट पर ही बीजेपी जीत दर्ज कर पाई थी. राजस्थान में विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है.माना जा रहा है कि शाह बूथ विजय संकल्प कार्यक्रम के जरिए विधानसभा चुनाव 2023 का बिगुल फूंकेंगे.  


यहां कांग्रेस बुरे वक्त में भी रहती है मजबूत


विधानसभा चुनाव 2013 में राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी को विशाल बहुमत मिला था. राजस्थान की 200 सीट में से बीजेपी ने 163 सीटों पर जीत दर्ज थी. उसने कांग्रेस को केवल 21 सीट पर लाकर खड़ा कर दिया था. उस चुनाव में कांग्रेस को जो 21 सीटें मिली थीं, उसमें से छह सीटें उसे भरतपुर संभाग में मिली थीं. भरतपुर संभाग में चार जिले भरतपुर ,धौलपुर ,करौली और सवाईमाधोपुर आते हैं. भरतपुर जिले में सात विधानसभा सीटें हैं. वहीं धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर में चार-चार विधानसभा की सीटें है.साल 2013 के विधानसभा चुनाव में भरतपुर जिले में मात्र 1 कुम्हेर डीग सीट पर कांग्रेस पार्टी के विश्वेन्द्र सिंह ने ही जीत दर्ज की थी, बाकि छह सीटें बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीती थीं. धौलपुर की दो सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी हुए थी. एक-एक सीट पर बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्यशियों ने जीत दर्ज की थी. वहीं करौली की तीन सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे और एक सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीती थी.सवाई माधोपुर में 2013 के विधासभा के चुनाव में कांग्रेस का खाता नहीं खुला था. उसकी सभी सीटों पर बीजेपी के प्रत्यशी विजयी हुए थे.वहीं 2018 के चुनाव में बीजेपी का भरतपुर संभाग से सूपड़ा साफ हो गया था. यहां की 19 विधानसभा सीटों से मात्र एक सीट धौलपुर ही बीजेपी जीत पाई थी.


क्या राजस्थान में बीजेपी से नाराज हैं जाट


अब इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की नजर पूर्वी राजस्थान के भरतपुर संभाग पर है.आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भरतपुर आ रहे हैं. वे संभाग के बूथ कार्यकर्तों के सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे. 


भरतपुर जाट बाहुल्य क्षेत्र है. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को अध्यक्ष पद से हटाने को लेकर जाट समुदाय में नाराजगी है. उनका कहना है कि हमारे नेता सतीश पूनिया को थानेदार से हवलदार बना दिया गया है. इसका जवाब 2023 के चुनाव में दिया जाएगा. अब देखने वाली बात यह होगी की क्या भारतीय जनता पार्टी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी जाट समाज की नाराजगी को दूर कर पाएंगे या नहीं.जाटों की इस नाराजगी के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज बूथ विजय संकल्प कार्यक्रम के जरिए विधानसभा चुनाव 2023 का बिगुल बजाने आ रहे हैं. 


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