कर्क रेखा पर खड़े होने का मिलेगा अनोखा अनुभव, राजस्थान के इन दो जिलों से निकलती है ट्रॉपिक ऑफ कैंसर
Tropic of Cancer in Banswara: जल्द बांसवाड़ा और डूंगरपुर में स्थानीय प्रशासन के सहयोग से बोर्ड लगा दिए जाएंगे. ऐसा होने पर लोगों को अपनी भौगोलिक विशिष्टता के लिए गौरवबोध होगा.
![कर्क रेखा पर खड़े होने का मिलेगा अनोखा अनुभव, राजस्थान के इन दो जिलों से निकलती है ट्रॉपिक ऑफ कैंसर Tropic of Cancer in Rajasthan Dungarpur and Banswara Sign Boards put for Banswara Tourism ANN कर्क रेखा पर खड़े होने का मिलेगा अनोखा अनुभव, राजस्थान के इन दो जिलों से निकलती है ट्रॉपिक ऑफ कैंसर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/24/eb517e054a3ab01e780d3f1b412070121719201958972584_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Tropic of Cancer in India: कर्क रेखा (Tropic of Cancer) भारत के 8 राज्यों से होकर गुजरती है. राजस्थान की बात करें तो यह सिर्फ बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले से गुजरती है. हालांकि, दोनों जिलों के किस एरिया को ये छूती है, इसकी जानकारी कम ही लोगों को होगी. अब बांसवाड़ा प्रशासन ने इसको लेकर बड़ी तैयारी की है.
अब आप बांसवाड़ा जाकर कर्क रेखा के एग्जैक्ट लाइन को देख पाएंगे और उस जगह खड़े भी हो पाएंगे जहां से यह रेखा गुजरती है. इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने रिसर्च के बाद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं.
कर्क रेखा को दर्शाने के लिए लगे साइन बोर्ड
संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने कहा, "हमारे लिए गौरव की बात है कि हम संपूर्ण ब्रह्माण्ड में उस स्थान पर हैं, जहां से कर्क रेखा गुजरती है. इस भौगोलिक विशिष्टता की जानकारी जिले के बहुत ही कम लोगों को है. ऐसे में हमारे इस गौरवशाली तथ्य को देश-दुनिया तक पहुंचाने की दृष्टि से बांसवाड़ा संभाग के उन प्रमुख स्थानों पर कर्क रेखा की अवस्थिति दर्शाने वाले साइन बोर्ड लगाए जा रहे हैं जिनके आसपास कोई पर्यटन स्थल हैं."
आयुक्त ने आगे कहा, "यह कार्य जिले के विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया जा रहा है और बहुत ही जल्द संभाग के दोनों जिलों बांसवाड़ा और डूंगरपुर में स्थानीय प्रशासन के सहयोग से यह बोर्ड लगा दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि ऐसा होने पर लोगों को अपनी भौगोलिक विशिष्टता के लिए गौरवबोध होगा."
इस तरह चली मुहिम
दोनों जिलों से कर्क रेखा गुजरने का तथ्य पता चला तो उन्हें इन स्थानों को देखने की उत्सुकता जताई परंतु विस्तृत जानकारी के अभाव में ऐसा न हो पाया. ऐसे में नीरज के पवन ने विशेषज्ञों और ऐसे कार्यों में रूचि रखने वालों से संपर्क किया. बांसवाड़ा के ही युवा विरांच दवे और प्रेरणा उपाध्याय को कर्क रेखा पर अवस्थित पर्यटन स्थलों का डेटा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी.
इसके बाद श्री गोविंद गुरू राजकीय महाविद्यालय बांसवाड़ा के भूगोल विषय के सहायक आचार्य मेहताब सिंह राठौड़ से मदद ली गई तो उन्होंने 39 पृष्ठों में बांसवाड़ा में कर्क रेखा विषय पर विस्तृत प्रोजेक्ट तैयार कर सौंपा. इसके आधार पर चुनिंदा स्थानों की सूची तैयार कर बोर्ड लगाने का कार्य पशुरू किया.
इन स्थानों पर लगेंगे बोर्ड
संभागीय आयुक्त डॉक्टर पवन ने बताया कि विशेषज्ञों के दल ने कर्क रेखा के समीप वाले पर्यटन महत्त्व के स्थलों की सूची तैयार की है. जहां पर जीपीएस लोकेशन के आधार पर इन बोर्ड्स को लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि सूची अनुसार छत्रसालपुर, ठीकरिया, बोदला, बोरवट, गामड़ी, चैबीसों का पारडा आदि है.
उन्होंने बताया कि कर्क रेखा राजस्थान में 109.45 किलोमीटर क्षेत्र से गुजरती है. बांसवाड़ा में 72.02 किलोमीटर और डूंगरपुर में 37.43 किलोमीटर क्षेत्र है.
यह भी पढ़ें: रविंद्र सिंह भाटी को जान से मारने की धमकी देने वाला कौन? गुजरात से गिरफ्तार, MP से खरीदा था हथियार
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)