Udaipur News: अकसर देखा जाता है कि बेटों द्वारा पिता का साथ छोड़ने के बाद वृद्धाश्रम जाते हैं या खुद कुछ काम करते हैं लेकिन बिहार के दो बुजुर्ग ऐसे हैं जिन्होंने वृद्धाश्रम का रास्ता न चुनकर अपराध की दुनिया में कदम रखा. बिहार से लेकर राजस्थान तक 8 साल में कई लोगों से नकली सोने के बिस्किट देकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. राजस्थान की उदयपुर पुलिस ने दोनों आरोपियों को महिला के साथ ठगी करते हुए गिरफ्तार किया है.
महिला के शिकायत के बाद हुआ खुलासा
55 साल की लक्ष्मी बाई ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि मैं शादी में पूडियां बेलने का काम करती हूं. सोमवार को पैदल जा रही थी. तभी उदियापोल चौराहे पर दिन में करीब 12 बजे दो बुजुर्ग व्यक्ति मुझे मिले. उनमें से एक बुजुर्ग ने एक सफेद रंग के कपड़े में बंधी हुई एक छोटी पोटली मेरे पास में गिराई और दूसरे बुजुर्ग ने उसे उठा कर मुझे कहा कि माता जी आप इस पोटली को हाथ लगा दो इसमें जो भी कुछ होगा आप रख लेना. तब मैंने उनके कहने से उस पोटली को हाथ लगाया.
तभी उन दोनों व्यक्तियों ने वह पोटली मेरे हाथ में देकर मुझे कहा कि इस पोटली को खोल कर देखो तो मैंने उस छोटी सी पोटली को खोल कर देखा तो अन्दर एक गुलाबी रंग के कागज में एक सोने जैसे रंग की डली रखी हुई पाई. उन्होंने कहा कि ये तो सोने की डली है इसे आप ही रख लो हमें आप 5000 रूपये दे दो. पैसे नहीं होने की कहा तो उन्होंने मंगल सूत्र मांग लिया. उनको मंगलसूत्र देकर घर गई और बेटे को सोने का बिस्किट दिखाया तो नकली निकला. एसपी मनोज कुमार ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज का आरोपी बिहार निवासी 66 साल के नवल कुमार और इसका दोस्त बिहार निवासी 73 साल का अर्जुन प्रसाद को गिरफ्तार किया है.
घर से निकाले जाने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखा
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि हमारे बुढ़ापे में खुद की सन्तान द्वारा कोई सहयोग नहीं किया और घर से निकाल दिया. फिर दोनों ने अपराध की दुनिया में कदम रखा. बिहार राज्य में पटना शहर, समस्तीपुर, मुजफ्फरनगर से ठगी की शुरुआत की और फिर पश्चिमी बंगाल के आसपनसोल, बडाकर और झारखण्ड के रांची शहर में पिछले 8 साल से वारदातें करते हुए उदयपुर पहुंचे. जब पुलिस ने पूछा अब तक कितने लोगों को ठग चुके हो तो उन्होंने कहा साहब गिनती ही नहीं.
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