Rajasthan News: देश में टाइगर की सुरक्षा और उसको अन्य जंगलों में बसाए जाने के सरकार के प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं. देश के 52वें और राजस्थान के चौथे रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बूंदी (Ramgarh Vishdhari Tiger Reserve Bundi) में एक बौर बड़ी खुशखबरी जल्द मिलने जा रही है. बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के लिए बड़ी खुशखबरी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से दो और बाघिन टाइगर रिजर्व में रिलीज की जाएंगी. ये दोनों ही बाघिन रणथंबोर टाइगर रिजर्व से लाई जाएंगी. केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय (Forest Ministry) ने बाघिन रिलीज करने की स्वीकृति जारी कर दी है. उसके बाद से ही बाघिन को ट्रैक्यूलाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पिछले दिनों शावकों के जन्म के बाद बाघिन रिलीज किया जाना आवश्यक था.इस बारे में वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से स्पीकर बिरला की चर्चा हुई थी.
ट्रैंक्यूलाइज करने के लिए टीम कर रही है प्रयास
रणथंभौर टाइगर रिजर्व से यहां बाघिन लाई जानी है. पिछले 3-4 दिन से रणथंभौर की टीम शिफ्टिंग के लिए विभागीय अधिकारी, एक दर्जन से अधिक कर्मचारी, डॉक्टर और ट्रैंक्यूलाइज करने वाली टीम चिन्हित बाघिन पर नजर बनाए हुए है. लगातार उसे ट्रैंक्यूलाइज करने का प्रयास कर रही है. बाघिन का पकड़ने का प्रयास तो किया जा रहा है लेकिन बाघिन गन की रेंज से दूर है. जहां पर्यटक आते हैं वहां से अपना बसेरा घने जंगल में बसा चुकी है. शुक्रवार से एक बार फिर सुबह से ही बाघिन को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया गया. लेकिन टीम को सफलता नहीं मिली.विभाग ने अभी तक यह भी तय नहीं किया गया है कि किस बाघिन को रामगढ टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा.
T-102 बाघिन के तीन शावकों ने बढाई रौनक
कोटा के मुकुंदरा से पहले बूंदी के रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व के आबाद होने से यहां टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है. कभी भी मादा टाइगर को यहां लाया जा सकता है. एक साल पहले रणथंभौर से टी-102 बाघिन को ट्रैंक्यूलाइज कर रामगढ़ विषधारी लाया गया था. इस समय यह बाघिन रामगढ़ में अपने तीन शावकों के साथ विचरण कर रही है. अभी तक एक बार वह कैमरे में अपने शावकों के साथ कैद हो चुकी है.इसके अलावा बाघ टी-115 अपने आप ही रणथंभौर से निकलकर रामगढ़ विषधारी में पहुंच गया था.इस समय रामगढ़ में बाघों की संख्या पांच हो गई है.
टी- 119 घोस्ट को बूंदी लाए जाने की संभावना
आधिकारिक तौर से तो विभाग ने अभी तक पुष्टि नहीं की है कि कौन सी बाघिन को रामगढ लाया जाएगा लेकिन प्राथमिक जानकारी के अनुसार टी-119 का भी नाम यहां लाए जाने वाली बाघिन में शामिल है. वर्ष 2019 में जन्मी बाघिन टी-119 को रणथंभौर में घोस्ट के नाम से भी जाना जाता है.लगभग चार साल की इस बाघिन का जन्म गधरा वन क्षेत्र में हुआ था.ट्रैंक्यूलाइज करने वाली टीम मानसरोवर व मोर डूंगरी इलाके में इस बाघिन की तलाश कर रही है.यह बाघिन लंबे समय से अपने लिए सुरक्षित टेरेटरी तलाश रही है. रणथंभौर से बाघिन को किसी भी दिन लाया जा सकता है. ऐसे में पूरे स्टाफ को अलर्ट मोड पर रखा गया है. बताया जा रहा है कि कुछ दिन एंक्लोजर में रखा जाने के बाद उसे जंगल में रिलीज किया जाएगा.
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