Udaipur News Today: उदयपुर पुलिस ने फर्जी मार्कशीट को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. मार्कशीट भी किसी कॉलेज का नहीं बल्कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं की मार्कशीट से जुड़ा मामला है. आरोपियों ने फर्जी मार्कशीट के जरिए नौकरी मिल गई और उन लोगों ने नौकरी भी ज्वॉइन कर ली.


बाद में जब जांच हुई तब जब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है जबकि अन्य युवकों से सहित एजेंट की तलाश जारी है. 


नौकरी में की फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल
मामले का खुलासा उदयपुर शहर की हाथीपोल थाना पुलिस ने किया है. इस संबंध में थानाधिकारी आदर्श कुमार ने बताया कि भारतीय डाक विभाग ने उदयपुर मण्डल में डाकपाल के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती निकाली थी. इसमें अभ्यर्थियों की दसवीं के अंकों की मेरिट के आधार पर सीधी भर्ती होनी थी. 


पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने दसवीं की फर्जी मार्कशीट लगाकर डाकपाल की नौकरी हासिल की और ज्वॉइन भी की. इस मामले में अब तक दो आरोपी करौली निवासी दिनेश चन्द्र बैरवा और लखन मीणा को गिरफ्तार किया गया है.


42 लोगों ने लगाई फर्जी मार्कशीट
हाथीपोल थाने के थानिधिकारी आदर्श कुमार ने बताया कि गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई है. दोनों आरोपियों ने कबूल किया है कि किसी एजेंट के माध्यम से उन्होंने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान दिल्ली से मार्कशीट बनवाई थी. इसी मार्कशीट से 42 अभ्यर्थियों ने नौकरी हासिल की है.  


सभी आरोपी हैं 12वीं पास 
जांच के बाद सामने आया कि इन्होंने डाकपाल पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन असली मार्कशीट लगाने के बजाए एजेंट के जरिए बनवाई गई दसवीं की फर्जी मार्कशीट लगाई. खास बात तो यह कि लगभग सभी अभ्यर्थी दसवीं-बारहवीं पास हैं, लेकिन किसी के अच्छे नंबर नहीं थे.


पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपियों ने 90 फीसदी से ज्यादा अंकों की फर्जी मार्कशीट बनवाई. जब डाक विभाग ने सभी मार्कशीट का सत्यापन करवाया तब जाकर मामले का भंडाफोड़ हुआ. पुलिस एजेंटों की तलाश कर रही है. उनके मिलने पर बड़ा गिरोह का पर्दाफाश होगा.


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