Udaipur news: लाइसेंसी शराब दुकान का संचालन करने की एवज में 25, 000 रुपए की रिश्वत लेते आबकारी निरीक्षक और प्रहाधिकारी को एसीबी ने गुरुवार दोपहर को गिरफ्तार किया है. मामले में एक और आबकारी निरीक्षक का नाम भी सामने आ रहा है, जो इस रिश्वत मामले में शामिल बताया जा रहा है. फिलहाल एसीबी की कार्रवाई चल रही है. एसीबी एएसपी उमेश ओझा ने बताया कि जिले में मावली तहसील के आबकारी निरीक्षक गोपीलाल पुत्र चुनाजी सोलंकी और प्रहाधिकारी महेंद्र कुमार पुत्र सुल्तान जाट को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है.
20 दिसंबर को की थी शिकायत
एएसपी ओझा ने आगे बताया कि लाइसेंसी शराब दुकान के मालिक ने अपना नाम गोपनीय रखते हुए एसीबी ब्यूरो कार्यालय में 20 दिसंबर को शिकायत की थी. शिकायत में बताया था कि मावली में दो लाइसेंसी शराब की दुकान है. दोनों दुकानों का संचालन करने के लिए दो आबकारी निरीक्षक और प्रहराधिकारी 25000 रुपए की रिश्वत की मांग कर रहे हैं जबकि आबकारी विभाग से ही दुकान लाइसेंसी है. एसीबी ने शिकायत का सत्यापन 20 दिसंबर को ही कर लिया. इसके बाद लगातार कार्रवाई का इंतजार करने लगे. गुरुवार आरोपी गोपीलाल ने रुपए लेकर बुलाया तो एसीबी ने रंगे हाथों दोनों को गिरफ्तार किया. अन्य निरीक्षक की भी भूमिका सामने आ रही है जिसकी जांच कर रहे हैं.
एएसपी ओझा ने बताया कि परिवादी से पूछताछ में सामने आया कि आरोपी निरीक्षक गोपीलाल और अन्य निरीक्षक दुकानदार से 5-5 हजार रुपए और प्रहराधिकारी 3 हजार रुपए मासिक बंदी लेते थे. फिर भी परिवादी दुकानदार के आसपास अवैध शराब दुकानों का संचालन हो रहा था और ढाबों पर भी अवैध शराब बिक रही थी. अवैध दुकानों के कारण नुकसान हो रहा था.
दुकानदार से 10-12 हजार रुपए का मासिक खर्च लेते थे
प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि जो 25000 रुपए रिश्वत लेते ट्रेप हुए वह राशि 2 माह की बंदी थी. बड़ी बात तो यह है कि 2 माह की इस बंदी के अलावा आरोपी परिवादी दुकानदार से महीने में कई बार शराब की बोतलें, होटल का खर्च आदि ले लेते थे. यानी एक आबकारी निरीक्षक दुकानदार से 10-12 हजार रुपए का मासिक खर्चा लेता और करवाता था.
इसे भी पढ़ें :
Rajasthan Night Curfew: राजस्थान में नाइट कर्फ्यू का एलान, रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा जारी
Rajasthan News: कोरोना संकट के बीच राजस्थान की सरकार ने स्कूलों को लेकर किया ये बड़ा फैसला