Udaipur Crime News: उदयपुर एटीएस (ATS) और एसओजी (SOG) ने बुधवार रात को पैंथर का शिकारी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. एटीएस और एसओजी की टीम को पैंथर (Panther) की चार खाल बरामद हुई है. यह जानकारी सामने आने के बाद वन विभाग (Forest Department) और पुलिस तक चौंक गई क्योंकि शायद पैंथर की चार खाल एक साथ मिलने का यह पहला मामला है. एटीएस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है जो पैंथर की खाल को बेचने जा रहा था.
दरअसल, उदयपुर राजस्थान का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है इसलिए यहां वन्यजीवों की भरमार है. उदयपुर और राजसमंद जिले में ही 200 से ज्यादा पैंथर रहते हैं. इसी कारण आए दिन इंसान और पैंथर आमने-सामने आ जाते हैं. ऐसे में शिकारी भी उन्हें अपना निशाना बनाते हैं. वहीं, शिकारियों के खिलाफ ताजा कार्रवाई उदयपुर जिले के गोगुंदा थाना क्षेत्र में हुई है. एटीएस टीम ने गोगुंदा हाईवे पर होटल विष्णु के पास आरोपी को गिरफ्तार किया है. एटीएस टीम को इस क्षेत्र में पैंथर की खाल तस्करी किए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद टीम ने होटल विष्णु के पास जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया.
वन्य अभ्यारण्यों में जानवरों को शिकार बनाता है गैंग
जानकारी में सामने आई है कि यह गैंग करीब चार साल से वन्य जीवों की तस्करी कर रहा था और कुंभलगढ़ और रणकपुर वन्य अभ्यारण्य से कई पैंथरों को मौत के घाट उतार कर उनकी खाल की तस्करी कर चुका है. मामले में गिरफ्तार आरोपी चुनाराम उर्फ सुनील से सख्ती से पूछताछ की जा रही है. एटीएस की टीम ने चारों खालों और शिकारी की बाइक को कब्जे में ले लिया. इस दौरान गोगुंदा थानाधिकारी और वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद रही. एटीएस के सूत्रों के मुताबिक पैंथर की खाल सप्लाई करने के पीछे बड़ा गैंग हो सकता है क्योंकि पैंथर का शिकार करना किसी अकेले व्यक्ति के बस की बात नहीं है.
जानकारी में सामने आई है कि यह गैंग करीब चार साल से वन्य जीवों की तस्करी कर रहा था और कुंभलगढ़ और रणकपुर वन्य अभ्यारण्य से कई पैंथरों को मौत के घाट उतार कर उनकी खाल की तस्करी कर चुका है. मामले में गिरफ्तार आरोपी चुनाराम उर्फ सुनील से सख्ती से पूछताछ की जा रही है. एटीएस की टीम ने चारों खालों और शिकारी की बाइक को कब्जे में ले लिया. इस दौरान गोगुंदा थानाधिकारी और वन विभाग की टीम मौके पर मौजूद रही. एटीएस के सूत्रों के मुताबिक पैंथर की खाल सप्लाई करने के पीछे बड़ा गैंग हो सकता है क्योंकि पैंथर का शिकार करना किसी अकेले व्यक्ति के बस की बात नहीं है.
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