उदयपुर की सेंट्रल जेल (Udaipur Central jail) के कैदी (Prisoners) लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. कैदियों के मेहनताने की रकम 54 लाख रुपये से ज्यादा हो गई है. सेंट्रल जेल में हत्या (Murder), दुष्कर्म (Rape), लूट (Loot) चोरी (Theft) सहित अन्य अपराध (Crimes) करने वाले कैदी बंद हैं. जेल अधीक्षक राजेंद्र कुमार ने बताया कि जेल में कैदियों से अलग-अलग तरह के काम कराए जाते हैं. काम के एवज में कैदियों को मेहनताना दिया जाता है. मेहनताने में से 25 प्रतिशत की रकम अपराध का शिकार हुए पक्ष को जाती है.


कैदियों ने की 54 लाख की कमाई


1640 पीड़ितों के लिए कैदी जेल में काम कर रहे हैं. कैदियों के खाते में मेहनताने की कमाई 54 लाख 31 हजार रुपए हो गई है. अब जेल प्रशासन को तलाश है पीड़ित की. राजेंद्र कुमार ने कहा कि खाते में राशि भेजने के लिए पीड़ितों को ढूंढा जा रहा है लेकिन पता नहीं मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में अपराध होने के बाद पीड़ित पक्ष घर छोड़कर चला जाता है. किसी का सही पता नहीं मिल पाता है. इसलिए राशि की जानकारी नहीं होती है. पता नहीं मिलने की वजह से कैदियों के मेहनताने की कमाई पड़ी हुई है.


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राशि लेने नहीं आ रहा है पीड़ित


जेल प्रशासन संबंधित पुलिस स्टेशन से संपर्क कर पीड़ित पक्ष के परिवार को राशि देने की कवायद कर रहा है. जेल अधिकारियों का कहना है कि लोगों को योजना के बारे में जागरूकता नहीं है. जागरूकता फैलाने में जनप्रतिनिधि और स्वंय सेवी संस्थाओं की भूमिका अहम हो जाती है. उनसे आग्रह किया जाता है कि पीड़ितों को समझा जाए और बताया जाए कि राशि जरूर लें. अगर नहीं लेना चाहते हैं तो उसे दान कर दें मगर छोड़े नहीं. 


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