Udaipur News: उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाईवे स्थित मेनार गांव के ढंढ तालाब को गांव के लोगों ने गोद लिया है. यहां लोग किसी को भी ना शिकार करने देते हैं और न ही गंदगी फैलाने देते हैं. यहां हर साल विदेशों से हजारों की संख्या में पक्षी आते हैं. उदयपुर-चित्तौड़गढ़ हाईवे पर शहर से 40 किमी दूर बसा मेनार गांव अब बर्ड विलेज के नाम से जाना जाता है.
तालाब गोद लिया
यहां उदयपुर की झीलों पर जितने पक्षी नहीं आते उससे कई गुना ज्यादा हजारों की संख्या में इस गांव के ढंढ तालाब पर आते हैं. इसके पीछे कारण है गांव के लोगों का पशु और पक्षियों के प्रति प्यार. गांव के पास बसे इस तालाब को लोगों ने गोद ले लिया है. लोगों ने साथ ही कड़े नियम भी बनाए हैं. इन नियमों का पालन होने की वजह से ही जहां10 साल पहले कुछ ही संख्या में पक्षी आते थे लेकिन अब हजारों की संख्या में आते हैं.
ये निर्णय लिए गए
मेनार गांव के सरपंच प्रमोद कुमार ने बताया इस गांव में दो तालाब हैं. एक तालाब तो गांव के करीब है और दूसरा गांव से थोड़ा दूर जो ढंढ तालाब है. इस तालाब पर पहले कोई ज्यादा ध्यान नहीं देता था. करीब एक दशक पहले गांव के बडों ने तालाब को लेकर कई निर्णय लिए. जैसे तालाब के पास कोई शौच नहीं करेगा, ना कोई पक्षियों का शिकार करेगा ना करने देगा, तालाब का पानी खेतों की सिंचाई के लिए नहीं लेंगे सिर्फ पशु पक्षियों के ही उपयोग में आएगा. इन्ही नियमों का पालन होने की वजह से आज सर्दियों में यहां यूरोप, साइबेरिया, सेंट्रल एशिया सहित अन्य देशों से पक्षी आते हैं और मार्च में चले जाते हैं.
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